
भोजपुरी सिनेमा के पावरस्टार और बीजेपी नेता पवन सिंह की पत्नी ज्योति सिंह ने सोमवार को काराकाट विधानसभा सीट से निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में अपना नामांकन दाखिल किया। इस दौरान नामांकन के बाद ज्योति सिंह मीडिया से बातचीत के दौरान भावुक हो गईं और अपने पति पवन सिंह से सहयोग न मिलने पर फफक कर रो पड़ीं।
कैमरे के सामने उनका दर्द छलक पड़ा। उन्होंने कहा, “मैं जनता की सेवा करने के लिए चुनावी मैदान में उतरी हूं। मैं चाहती थी कि पवन जी मेरे साथ खड़े रहें, लेकिन शायद भगवान की यही मर्जी थी। जनता मुझे आशीर्वाद देगी, मैं सेवा करती रहूंगी।” नामांकन के बाद ज्योति सिंह सीधे काराकाट के पूर्व विधायक और बीजेपी के वरिष्ठ नेता राजेश्वर राज के आवास पहुंचीं और उनका आशीर्वाद लिया। ज्योति सिंह ने उन्हें बड़े भाई और अभिभावक बताते हुए कहा कि मैं आशीर्वाद लेने आई हूं ताकि जनता की सेवा के इस सफर में उनका मार्गदर्शन मिलता रहे।
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उन्होंने बताया कि काराकाट क्षेत्र की महिलाओं ने उन्हें चुनाव मैदान में उतरने के लिए प्रेरित किया है। क्षेत्र की महिलाओं ने कहा कि वे चाहती हैं मैं उनकी आवाज बनूं। उनके आग्रह और समर्थन से ही मैंने यह निर्णय लिया। मुझे विश्वास है कि जनता और महिलाएं मेरा साथ देंगी। नामांकन के समय उपस्थित समर्थकों ने ज्योति सिंह जिंदाबाद और जनता की बेटी, जनता के बीच के नारे लगाए। राजनीतिक हलकों में ज्योति सिंह के निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में उतरने को लेकर नई राजनीतिक चर्चा शुरू हो गई है।
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पिछले कुछ महीनों में ज्योति सिंह ने अपने वैवाहिक अनबन को लेकर कई नेताओं से मदद की गुहार लगाई थी। यह अनबन तब और बढ़ गई थी जब वह हाल में अभिनेता के लखनऊ स्थित फ्लैट पर पहुंची थीं। पुलिस बुलायी गई और बाद में ज्योति ने रोते हुए एक वीडियो साझा किया, जिसमें उन्होंने उत्पीड़न के आरोप लगाए। हालांकि, पवन सिंह ने ज्योति सिंह के सभी आरोपों से इनकार किया था।
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इससे पहले ऐसी अटकलें थीं कि पवन सिंह भोजपुर की सात विधानसभा सीट में से किसी एक, विशेष रूप से आरा या बरहरा से बीजेपी के टिकट पर चुनाव लड़ सकते हैं। लेकिन उन्होंने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट कर कहा था कि अपने भोजपुरी समाज को यह सूचित करना चाहता हूं कि मैं बीजेपी में विधानसभा चुनाव लड़ने के लिए शामिल नहीं हुआ था... और न ही मैं चुनाव लड़ना चाहता हूं। मैं पार्टी का सच्चा सिपाही हूं और हमेशा रहूंगा।”
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गौरतलब है कि पवन सिंह ने 2024 के लोकसभा चुनाव में बीजेपी से टिकट नहीं मिलने पर काराकाट सीट से निर्दलीय उम्मीदवार के रूप में चुनाव लड़ा था। यहां से बीजेपी के सहयोगी आरएलएम के नेता उपेंद्र कुशवाहा चुनाव लड़ रहे थे। काराकाट लोकसभा सीट 2024 के चुनाव में भाकपा (माले) लिबरेशन के उम्मीदवार राजा राम कुशवाहा ने जीती थी।
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