बिहार के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में शत- प्रतिशत लोगों को टीकाकरण के मद्देनजर मुजफ्फरपुर में स्वास्थ्य विभाग ने अनोखी पहल की शुरुआत की है। 'टीका वाली नाव' गांव-गांव पहुंच रही है और स्वास्थ्यकर्मी लोगों को बुलाकर टीका लगा रहे हैं। कटरा प्रखंड में टीका वाली नाव की शुरुआत सिविल सर्जन और केयर इंडिया के अधिकारियों द्वारा किया गया है।
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सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा ने बताया कि इस तरह के नाव की परिकल्पना जिलाधिकारी ने की थी, जिसे अब बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में मूर्त रूप दिया जा रहा है। टीकाकरण के लिए राज्य में इस तरह का पहला एवं अनोखा प्रयास किया गया है।
प्रथम चरण में कटरा प्रखंड में दो टीका वाली नाव का परिचालन शुरु किया गया है, जिसमें प्रत्येक नाव पर स्वास्थ्यकर्मी के अलावे गोताखोर और नाविक भी मौजूद हैं। नाव की उपलब्धता जहां जिला प्रशासन द्वारा सुनिश्चित की गई है वहीं स्वास्थ्यकर्मी तथा गोताखोर स्वास्थ्य विभाग की तरफ से दिए गए हैं।
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स्वास्थ्य विभाग के एक अधिकारी ने बताया, "दो नावों से कटरा में बाढ़ प्रभावित 14 पंचायतों में जाकर टीकाकरण का कार्य किया जाएगा, जिससे टीकाकरण से कोई वंचित न हो पाए और 100 प्रतिशत टीकाकरण के लक्ष्य को पाने में हमें सफलता प्राप्त हो सके। "
सिविल सर्जन डॉ. विनय कुमार शर्मा कहते हैं, "बाढ़ क्षेत्र में टीकाकरण अभियान एक चुनौती है। बावजूद इसके जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के बाद स्वास्थ्य विभाग द्वारा पूरी प्रतिबद्घता के साथ टीका कार्यक्रम को सफल बनाने की दिशा में विभाग द्वारा अपने दायित्वों का गंभीरतापूर्वक निर्वहन किया जा रहा है। इस क्रम में टीका वाली नाव के कंसेप्ट को जमीन पर उतारने का प्रयास किया गया है।"
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जिला प्रशासन का कहना है कि प्रथम चरण में कटरा में इस तरह के नाव का परिचालन प्रारंभ किया गया है। आवश्यकता पड़ने पर गायघाट, औराई जैसे बाढ़ प्रभावित इलाकों मे भी इसका परिचालन किया जाएगा।
टीकाकरण को सफल बनाने में केयर इंडिया तकनीकी रुप से सहयोग कर रही है। केयर इंडिया के सौरभ तिवारी ने कहा कि दो केयरकर्मी अगले छह महीने तक प्रत्येक प्रखंड में टीकाकरण के कायरे में सहायता करेंगे। केयर कर्मी मुख्य रुप से टीकाकरण की आवश्यकता तथा लोगों को प्रेरित करने का काम भी करेगी।
तिवारी ने बताया कि वे कटरा के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में लोगों को टीकाकरण के लिए प्रेरित करने गए थे, इसके बाद यह निर्णय लिया गया है ।
गौरतलब है कि मुजफ्फरपुर जिले में बाढ़ के कारण एक लाख से अधिक लोग प्रभावित हैं। मुजफ्फरपुर में 50 से अधिक पंचायतों में बाढ़ का पानी प्रवेश कर गया है और लोगों के गांव, घरों में बाढ़ का पानी पहुंच जाने से लोग उंचे स्थानों पर शरण लिए हुए हैं। जिला प्रशासन का दावा है कि बाढ़ प्रभावित इलाकों में राहत कार्य तेज कर दिए गए हैं।
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