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बिहारः जातीय जनगणना पर हाईकोर्ट ने लगाई रोक, अब तक कलेक्ट डाटा को नष्ट नहीं करने का निर्देश, अब जुलाई में सुनवाई

जातीय जनगणना को लेकर लंबे समय तक केंद्र और बिहार सरकार के बीच खींचतान मची रही थी। बीजेपी की केंद्र सरकार हमेशा से इसके खिलाफ रही है। केंद्र के इनकार करने पर नीतीश सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था।

पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाई
पटना हाईकोर्ट ने बिहार में जातीय जनगणना पर रोक लगाई फोटोः सोशल मीडिया

बिहार की नीतीश कुमार सरकार को जातीय जनगणना पर बड़ा झटका लगा है। पटना हाईकोर्ट ने राज्य में जातीय जनगणना पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी है। पटना हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस वी चन्द्रन की बेंच ने साथ ही निर्देश दिया है कि अंतिम फैसला होने तक जातीय जनगणना के दौरान अब तक संग्रहित किए गए डेटा को नष्ट नहीं किया जाना चाहिए। अब इस मामले में अगली सुनवाई 3 जुलाई को होगी।

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जातीय जनगणना पर रोक लगाने का पटना हाईकोर्ट का फैसला बिहार की नीतीश सरकार के लिए बड़ा झटका माना जा रहा है। हाईकोर्ट के फैसले पर राज्य के डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव ने प्रतिक्रिया देते हुए निराशा जताई है। आदेश के बाद उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना जनकल्याण के लिए है, हम गरीबी, पिछड़ापन मिटाना चाहते हैं। एक बात तो साफ है, इसका होना तय है।

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बिहार की नीतीश सरकार ने पिछले साल जातिगत जनगणना कराने का फैसला किया था। इसका काम जनवरी 2023 से शुरू हुआ था और इसे मई तक पूरा किया जाना है। लेकिन अब हाईकोर्ट ने इस पर 3 जुलाई तक रोक लगा दी है। हालांकि, बिहार में जातीय जनगणना को लेकर लंबे समय तक केंद्र और राज्य के बीच खींचतान मची रही। बीजेपी की केंद्र सरकार हमेशा से इसके खिलाफ रही है। केंद्र के इनकार करने पर नीतीश सरकार ने राज्य में जातिगत जनगणना कराने का फैसला लिया था।

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नीतीश सरकार के जातिगत जनगणना कराने का फैसले लेने के बाद से ही केंद्र और बीजेपी के नेताओं की तरफ से इसका विरोध हो रहा है। इस पर रोक लगाने के लिए सुप्रीम कोर्ट में भी याचिका दायर की गई थी, जिस पर सुनवाई से इनकार करते हुए शीर्षकोर्ट ने आवेदक को हाईकोर्ट जान को कहा था। इसके बाद पटना हाईकोर्ट में इसके खिलाफ 6 याचिकाएं दाखिल की गई थीं. इन याचिकाओं में जातिगत जनगणना पर रोक लगाने की मांग की गई थी। चीफ जस्टिस के विनोद चंद्रन और जस्टिस मधुरेश प्रसाद की पीठ ने बुधवार को याचिकाओं पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित रख लिया था, जिसे आज सुनाया गया।

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