पटना में स्टाइपेंड राशि बढ़ाने की मांग को लेकर जूनियर डॉक्टरों के अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने से मरीजों को दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। एक महिला ने बताया, "मेरे बेटे का पैर ट्रक की चपेट में आन से टूट गया है। वह दर्द से काफी परेशान है और डॉक्टर इलाज नहीं कर रहे हैं।”
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बता दें कि बिहार में सरकारी अस्पतालों की चिकित्सा व्यवस्था मूल रूप से जूनियर डॉक्टरों पर ही आश्रित होती है। ऐसे में मरीजों की मुश्किलें और बढ़ने का आशंका जताई जा रही है।
जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन की मानें तो 2017 में ही राज्य सरकार ने हड़ताल के बाद भरोसा दिया था कि हर 3 साल पर स्टाइपेंड की राशि में बढ़ोतरी होगी। लेकिन 2020 खत्म होने को है और अब तक स्टाइपेंड की राशि नहीं बढ़ाई गई, जिसके बाद सभी हड़ताल पर चले गए हैं। उन्होंने सरकार पर वादाखिलाफी का आरोप लगाया है।
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