बिहार में रंगोत्सव का पर्व होली गुजर जाने के बाद एक बार फिर सियासी गर्मी बढ़ने वाली है। राज्य की मुख्य विपक्षी पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) विभिन्न मुद्दो को लेकर एक बार फिर सत्ता पक्ष को घेरने की तैयारी कर रही है। आरजेडी विधानसभा में विधायकों के साथ मारपीट की घटना और बिहार विशेष सशस्त्र विधेयक को पास कराने की घटना को किसी भी हाल में अपने हाथ से नहीं जाना दे चाह रही है। इसे लेकर आरजेडी किसी भी हाल में पीछे हटने के मूड में नहीं है और आक्रामक रणनीति बना रही है।
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आरजेडी की नाराजगी पटना पुलिस की ओर से बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव और उनके भाई तेजप्रताप यादव सहित 22 आरजेडी नेताओं के खिलाफ हत्या की कोशिश का मुकदमा दर्ज करने को लेकर भी है। आरजेडी ने साफ कर दिया है कि वे इस मामल में जमानत नहीं लेंगे, सरकार तेजस्वी यादव को गिरफ्तार कराकर जेल भेजें।
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आरजेडी के प्रवता मृत्युंजय तिवारी कहते हैं कि सत्ता के लोग बंदूक के बल पर सरकार चलाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि आंदोलनकारियों के खिलाफ बिहार सरकार हत्या की कोशिश सहित अन्य संगीन आरोपों के तहत मामला दर्ज कर रही है। उन्होंने कहा कि आरजेडी राज्य की सबसे बड़ी पार्टी है। तिवारी कहते हैं कि इस मुद्दे पर अब हम फिर से सड़कों पर उतरेंगे।
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सूत्रों का कहना है कि आरजेडी सहित महागठबंधन के नेता इस मुददे को लेकर आगे की रणनीति बनाने में जुटे हैं। आरजेडी के एक नेता ने बताया कि होली के पहले आरजेडी के वरिष्ठ नेताओं ने बैठक भी की है, जिसमें आंदेालन की रूपरेखा पर विचार किया गया है।
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बता दें कि जिला प्रशासन ने राजद को 23 मार्च को कोरोना संक्रमण की गाइडलाइन के तहत बिहार विधानसभा का घेराव करने की अनुमति नहीं दी थी। इसके बावजूद आरजेडी के कार्यकर्ता आंदोलन के लिए सड़कों पर उतरे थे। इसे लेकर पटना में जमकर हंगामा हुआ था। पुलिस और आरजेडी कार्यकर्ताओं के बीच पथराव भी हुआ और पुलिस को लाठियां भांजनी पड़ी थी। इसे लेकर एक मामला दर्ज करवाया गया है।
इधर, आरजेडी ने अपवने आधिकारिक ट्विटर हैंडल से ट्वीट कर लिखा, "मुख्यमंत्री नीतीश जी, आप आरजेडी कायकर्ताओं को फांसी पर लटका दो, फिर भी न डरेंगे, न झुकेंगे, न रुकेंगे। बेरोजगारी, महंगाई, कानून व्यवस्था सहित जनसरोकार के मुद्दों को लेकर नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव जी के नेतृत्व में अनवरत संघर्ष जारी रहेगा।" गौरतलब है कि आरजेडी नेता तेजस्वी यादव भी कह चुके हैं कि वे डरने वाले नहीं है और उनका संघर्ष जारी रहेगा।
गौरतलब है कि पिछले साल हुए विधानसभा चुनाव के बाद राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनी आरजेडी सता पक्ष पर लगातार निशाना साध रही है। विधानसभा के बजट सत्र में विपक्ष ने सत्ता पक्ष को घेरने को लेकर कोई मौका नहीं छोड़ा। यही कारण है कि आरजेडी एक बार फिर आक्रमक रणनीति बनाने की तैयारी में है।
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