बिहार में शराबबंदी को लेकर बहस फिर से गरमा गई है। पूर्व केंद्रीय मंत्री और आरा से बीजेपी के पूर्व सांसद आरके सिंह ने नीतीश कुमार सरकार की शराबबंदी नीति को आड़े हाथों लिया है। उन्होंने इसे पूरी तरह नाकाम करार देते हुए तुरंत हटाने की मांग की है। आरके सिंह का कहना है कि इस नीति से न सिर्फ युवाओं का भविष्य खतरे में पड़ा है, बल्कि पुलिस और प्रशासन भी इसके चलते गलत दिशा में जा रहे हैं।
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आरा के बड़हरा प्रखंड में एक किसान संगठन के कार्यक्रम में बोलते हुए आरके सिंह ने कहा, "शराबबंदी का एकमात्र फायदा नशा बंद करना था, लेकिन यह फेल हो गया। आज युवा अवैध शराब के धंधे में फंस रहे हैं और नशे की लत बढ़ रही है। इसे हटाना ही बेहतर है।" उन्होंने आगे कहा कि पुलिस शराब माफियाओं को पकड़ने में उलझी रहती है, जिससे दूसरी समस्याओं पर ध्यान नहीं दिया जा रहा।
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आरके सिंह के मुताबिक, शराबबंदी के नाम पर सिर्फ दिखावा हो रहा है, जबकि धरातल पर हालात बदतर हैं। आरके सिंह ने नीतीश सरकार पर तंज कसते हुए कहा कि शराबबंदी को लागू करने का तरीका गलत है। सरकार के पास इस नीति को सही तरीके से संभालने का प्रबंधन नहीं है। उन्होंने कहा, "अगर सही मैनेजमेंट होता तो शराबबंदी कामयाब हो सकती थी, लेकिन अभी यह सिर्फ कागजों पर चल रही है।"
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इसके साथ ही, उन्होंने किसानों की जमीन और महिला कॉलेज जैसे मुद्दों पर भी सरकार को घेरा और विकास के लिए ठोस कदम उठाने की बात कही। उन्होंने कहा कि हम जनता के हितों की अनदेखी किसी भी कीमत पर स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जनता का हित हमारे लिए सर्वोपरि है। अगर किसी व्यवस्था में जनता का अहित किया जाएगा, तो हम उसे बदलने का भरसक प्रयास करेंगे। हमारे लिए हमेशा से ही जनता का हित सर्वोपरि था और आगे भी रहेगा।
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