राजधानी दिल्ली के नगर निगम चुनाव की तारीखों की घोषणा अब कभी भी हो सकती है। ऐसे में एमसीडी में अपनी सत्ता बरकरार रखने के लिए बीजेपी में गहन मंथन शुरू हो गया है। चर्चा है कि सत्ता विरोधी लहर पर काबू पाने के लिए बीजेपी एक बार फिर 2017 वाला फार्मूला अपना सकती है, जिसके तहत पार्टी के सभी मौजूदा पार्षदों का टिकट कट सकता है। इसकी आशंका में अभी से दिल्ली के बीजेपी पार्षदों की धड़कनें बढ़नी शुरू हो गई हैं।
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दरअसल माना जा रहा है कि 15 साल से एमसीडी की सत्ता पर काबिज बीजेपी को इस बार एंटी इनकम्बेंसी का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में पार्टी अभी से इसकी काट ढूंढने में जुट गई है। ऐसे में नगर निगम की सत्ता बचाने के लिए बीजेपी इस बार भी दागी छवि वाले पार्षदों के साथ ही सभी मौजूदा पार्षदों के टिकट काट सकती है। इनकी जगह बीजेपी नए चेहरों को मौका दे सकती है। चर्चा तो ये भी है कि अच्छी छवि वाले उन पूर्व पार्षदों को भी मौका मिल सकता है, जिनके टिकट 2017 में काट दिए गए थे।
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गौरतलब है कि पिछले 15 सालों से एमसीडी में बीजेपी का शासन है। दिल्ली में आप की लहर के ठीक बाद 2017 में हुए एमसीडी चुनाव में बीजेपी ने अपने किसी भी सिटिंग पार्षद को टिकट ना देकर बड़ा दांव चला था, जिससे पार्टी को एंटी इनकम्बेंसी का कोई नुकसान नहीं झेलना पड़ा और उसे बड़ी जीत मिली थी। हालांकि, बीजेपी की तरह आम आदमी पार्टी ने भी एमसीडी चुनाव के लिए रणनीति बनानी बनानी शुरू कर दी है। आप इस बार हर हाल में बीजेपी को एमसीडी से बाहर करना चाहती है।
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गौरतलब है कि दिल्ली नगर निगम का चुनाव इस बार दिसंबर में होने की संभावना है, उसके लिए बीजेपी ने अभी से कमर कसते हुए मंगलवार को चुनाव से संबंधित 21 अहम कमेटियों का गठन कर दिया है। इन कमेटियों में चुनाव प्रबंधन, घोषणापत्र, प्रचार अभियान, मीडिया और विज्ञापन सामग्री से जुड़ी कमेटियां हैं। इससे पहेल हाल ही में एमसीडी चुनाव को लेकर बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा ने दिल्ली बीजेपी के नेताओं के साथ बैठक भी की थी।
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