
समाजवादी पार्टी (एसपी) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने सोमवार को सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) पर हमला करते हुए सवाल उठाया कि सरकार बताए कि सिपाहियों की भर्ती में पीडीए (पिछड़ा, दलित, अल्पसंख्यक) की संख्या कितनी है और उनकी हकमारी कौन कर रहा है। अखिलेश यादव ने पार्टी की अल्पसंख्यक शाखा के पदाधिकारियों के साथ एक बैठक के बाद पार्टी मुख्यालय में प्रेसवार्ता में सवालों के जवाब में कहा, “कोई भी सरकार नियम और नियम के बाहर भर्ती नहीं कर सकती।”
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रविवार को 60 हज़ार से अधिक सिपाहियों के लिए आयोजित नियुक्ति पत्र वितरण समारोह में केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और सीएम योगी आदित्यनाथ द्वारा पिछली एसपी सरकार पर पुलिस भर्तियों में भाई-भतीजावाद और रिश्वत जैसे आरोप लगाए जाने और अब तक की सबसे बड़ी भर्ती के दावे के बारे में पूछे जाने पर अखिलेश यादव ने कहा,‘‘ये आरोप इसलिए लगाते हैं कि इनसे कोई सवाल न पूछे। अगर हम लोग संख्या पूछना चाहें कि इतनी भारी संख्या में भर्ती हुई तो इसमें पीडीए की गिनती क्या है, तो?’’
अखिलेश यादव ने कहा, “सरकार बताए कि पीडीए की हकमारी कौन कर रहा है। इस भर्ती में पीडीए की हकमारी किसने की। सिर्फ पीडीए के आंकड़े बता दे सरकार।” उन्होंने दोहराया, “कोई सवाल न पूछे इसलिए यह केवल इनका दुष्प्रचार है और बीजेपी से अच्छा दुष्प्रचार कोई नहीं कर सकता।”
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अखिलेश यादव ने प्रयागराज के महाकुंभ मेले के भगदड़ को लेकर आई मीडिया की एक रिपोर्ट का जिक्र करते हुए कहा कि सरकार ने 37 लोगों की भगदड़ में मौत का झूठा आंकड़ा दिया था, लेकिन चैनल ने हिम्मत करके दिखाया 82 लोग मारे गए हैं। उन्होंने यह भी सवाल उठाया, ‘‘ आखिर कुछ मृतकों के परिजनों को नकदी क्यों बांटी गई, किसके आदेश पर बांटी गई। नकदी देने का निर्णय किस नियम के तहत हुआ और किसके आदेश पर हुआ है।’’ उन्होंने दावा किया कि सरकार इन सवालों से बचना चाहती है क्योंकि उसके पास जवाब नहीं है।
अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी और उसकी सरकार नफरत बढ़ाने का काम कर रही है। बहराइच, संभल आदि स्थानों पर सैयद सालार गाजी मसूद के नाम पर लगने वाले मेलों के लिए प्रशासनिक अनुमति न मिलने की ओर संकेत करते हुए उन्होंने कहा , ‘‘ हमारी जो परंपरागत मिली-जुली संस्कृति है, स्थानीय मेले हैं, उनको जानबूझकर रोका जा रहा है।’’
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उन्होंने मेलों को कारोबार से जोड़ने के साथ ही कहा,‘‘मेला हम लोगों को जोड़ता है और रिश्तों को मजबूत बनाता है।’’ बीजेपी सरकार पर आरोप लगाते हुए सपा प्रमुख ने कहा, “वे कारोबार के खिलाफ लोग हैं, मेले में गरीब कारोबार करता है, मेला गरीब लोगों का होता है और मिलने का स्थान होता है।’’
उन्होंने कहा कि जो हजारों साल से मेले लग रहे हैं, जहां से एकता का संदेश जाता है, मिलकर रहते हैं लोग और एक दूसरे के प्रति सम्मान बढ़ता है, जोड़ने का मौका मिलता है उसके भी बीजेपी खिलाफ है। उन्होंने कार्यकर्ताओं को सुझाव दिया कि धांधली रोकने के लिए गली-मोहल्ले में जाकर मतदाता सूची दुरुस्त कराएं और भारतीय जनता पार्टी ने जो फर्जी वोट बनवा रखा है, उन पर आपत्ति करें।
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