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BJP नेता कैलाश विजयवर्गीय का महिलाओं के पहनावे पर विवादित बयान, कहा- छोटे कपड़े पहनने वाली महिलाएं अच्छी नहीं लगतीं

बीजेपी नेता कैलाश विजयवर्गीय ने कहा कि विदेश में एक चीज काफी प्रचलित है जो कि मुझे पसंद नहीं है। विदेशों में कम कपड़े पहनने वाली लड़कियों को सुंदर माना जाता है। कहा जाता है कि कम कपड़े पहनने वाली लड़की सुंदर होती है, उसी तरह कम भाषण देने वाला नेता भी अच्छा होता है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

महिलाओं के पहनावे को लेकर मध्यप्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने विवादित बयान दिया है। उनकी एक वीडियो क्लिप सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल हो रही है, जिसमें वह कह रहे हैं कि उनके पास जो छोटे कपड़े पहनकर लड़कियां सेल्फी की इच्छा से आती हैं तो वह उन्हें सेल्फी देने से मना कर देते हैं। कैलाश विजयवर्गीय ने यह भी हिदायत दी कि लड़कियों को अच्छे कपड़े पहनकर आना चाहिए।

विश्व पर्यावरण दिवस के मौके पर गुरुवार को इंदौर के नेहरू पार्क स्थित सिंदूर वाटिका में पौधारोपण कार्यक्रम का आयोजन किया गया था। इस अवसर पर मध्य प्रदेश सरकार में मंत्री कैलाश विजयवर्गीय शामिल हुए थे।

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कार्यक्रम में लोगों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि विदेश में एक चीज काफी प्रचलित है जो कि मुझे पसंद नहीं है। विदेशों में कम कपड़े पहनने वाली लड़कियों को सुंदर माना जाता है, लेकिन हमारे देश में महिलाओं को देवी का स्वरूप माना जाता है, वे अच्छे कपड़े पहने, अच्छे गहने पहने, अच्छा श्रृंगार करे। कहा जाता है कि कम कपड़े पहनने वाली लड़की सुंदर होती है, उसी तरह कम भाषण देने वाला नेता भी अच्छा होता है, लेकिन मैं इस कहावत को नहीं मानता।

उन्होंने कहा कि कई बार कार्यक्रम के दौरान कुछ लड़कियां सेल्फी खिंचवाने के मकसद से मेरे पास आती हैं तो मैं साफतौर पर मना कर देता हूं। मैं उनसे कहता हूं कि अच्छे कपड़े पहन कर आना। कैलाश विजयवर्गीय के कम कपड़े को लेकर दिए बयान के बाद सियासत भी तेज हो गई है।

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कैलाश विजयवर्गीय के बयान की निंदा करते हुए अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी की मीडिया कोऑर्डिनेटर रश्मि ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया। उन्होंने पोस्ट में लिखा, “भाजपा की महिलाओं के प्रति सोच। कैलाश विजयवर्गीय के महिलाओं के पहनावे पर दिए गए बयान को क्या कहेंगे। उनके विचार महिलाओं की व्यक्तिगत स्वतंत्रता और पसंद पर अंकुश लगाने वाले और रूढ़िगत लैंगिक मानदंडों को मजबूत करने वाले लगते हैं। आधुनिक समाज में, व्यक्तिगत पहनावे की पसंद को सम्मानित किया जाना चाहिए, और ऐसे बयान अक्सर महिलाओं की आजादी और समानता के मूल्यों के खिलाफ माने जाते हैं। ये विचार लैंगिक समानता और महिलाओं के अधिकारों को कमजोर कर सकते हैं।“

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