भारत सरकार के केंद्रीय लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को बिक्री और वितरण के लिए अनुमति दे दी है। यह भारत का अपना स्वदेशी कोरोनो वायरस वैक्सीन है, जिसे आपात उपयोग के लिए मंजूरी मिली है। लेकिन कोवैक्सीन को तीसरे चरण के ट्रायल से पहले ही उपयोग की मंजूरी देने पर विवाद खड़ा हो गया है।
Published: undefined
कांग्रेस नेता शशि थरूर ने बिना तीसरे चरण के परीक्षण के भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को देश में आपात उपयोग की मंजूरी देने पर सरकार की जमकर खिंचाई की है। थरूर ने कहा, "हम सिर्फ इतना कह रहे हैं कि अगर टीका प्रभावी रूप से काम करता है तो ये हमारे लिए गर्व की बात होगी। लेकिन तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण से पहले इसे मंजूरी देना वैज्ञानिक प्रोटोकॉल का उल्लंघन है, जो अब तक कहीं भी दुनिया में नहीं हुआ है। अंध राष्ट्रभक्ति कॉमन सेंस का विकल्प नहीं हो सकती।"
Published: undefined
कोवैक्सीन को डीसीजीआई की मंजूरी का मुद्दा उठाते हुए कांग्रेस नेता थरूर ने कहा, "लेकिन स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि 'इसके काम करने की अधिक संभावना है' और 'इस बात की भी संभावना है कि दूसरे वैक्सीन की तरह ये भी असरदार हो'। ये बात आश्वस्त करने वाली नहीं है। 'लाइकली' शब्द तीसरे चरण के नैदानिक परीक्षण के बाद ही 'सर्टेन' में बदल सकता है।"
Published: undefined
बता दें कि रविवार को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया (डीसीजीआई) वी.जी. सोमानी ने भारत बायोटेक के 'कोवैक्सीन' को देश में 'आपातकालीन स्थितियों में उपयोग' के लिए अनुमोदित किये जाने की घोषणा की थी। इससे पहले डीसीजीआई द्वारा ऑक्सफोर्ड-एस्ट्राजेनेका की 'कोविशील्ड' वैक्सीन को देश में आपात उपयोग की मंजूरी दी गई थी, जिसे भारत में सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा तैयार किया जा रहा है। लेकिन कोवैक्सीन को लेकर डीसीजीआई के फैसले पर उस समय विवाद उठ गया, जब खबरें आईं कि इसे बिना तीसरे चरण के ट्रायल के ही मंजूरी दे दी गई है।
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined