सीमा पर सोमवार को हुए खूनी संघर्ष और उसके बाद के घटनाक्रम के मद्देनजर असम सरकार ने अपने नागरिकों से पड़ोसी राज्य मिजोरम की यात्रा नहीं करने को कहा है। गृह और राजनीतिक विभाग के आयुक्त और सचिव, एम.एस. मणिवन्नन ने यात्रा परामर्श में कहा कि मौजूदा गंभीर स्थिति को देखते हुए, असम के लोगों को मिजोरम की यात्रा न करने की सलाह दी जाती है, क्योंकि उनकी व्यक्तिगत सुरक्षा के लिए किसी भी तरह के खतरे को स्वीकार नहीं किया जा सकता। कहा गया है, काम से जुड़ी मजबूरी के चलते मिजोरम में रह रहे असम के लोगों को पूरी सावधानी बरतनी चाहिए।
एडवाइजरी में कहा गया है कि असम-मिजोरम सीमा क्षेत्र में हिंसक झड़पों के कई मामले सामने आए हैं, जिनमें हाल ही में मिजोरम की सीमा से लगे असम के कछार, करीमगंज और हैलाकांडी जिलों में भी शामिल हैं।
Published: 30 Jul 2021, 9:13 AM IST
यह देखते हुए कि सोमवार को कछार ने पुलिसकर्मियों के साथ-साथ नागरिकों पर अंधाधुंध गोलीबारी देखी, जिसमें छह पुलिसकर्मियों की जान चली गई और कई पुलिस कर्मियों और नागरिकों को गंभीर रूप से घायल कर दिया गया। इस घटना के बाद भी कुछ मिजो नागरिक समाज, छात्र, और युवा संगठन लगातार असम राज्य और उसके लोगों के खिलाफ भड़काऊ बयान जारी कर रहे हैं।
उन्होंने कहा, असम पुलिस के पास उपलब्ध वीडियो फुटेज से यह विश्वसनीय रूप से पता चला है कि कई नागरिक स्वचालित हथियारों आदि से भारी हथियारों से लैस हैं। सुरक्षा सुनिश्चित करने के उद्देश्य से, यह यात्रा सलाह सभी लोगों को जारी की गई है।
Published: 30 Jul 2021, 9:13 AM IST
कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने असम सरकार द्वारा राज्य के लोगों को मिजोरम की यात्रा से बचने के लिए जारी किये गए परामर्श का हवाला देते हुए कहा कि देश में यह सब संभव है, जब नरेंद्र मोदी हों।
उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘देश के इतिहास में सबसे शर्मसार करने वाला दिन। जब देशवासी एक प्रांत से दूसरे प्रांत में न जा पाएं, तो क्या मुख्यमंत्री और गृहमंत्री को अपने पद पर बने रहने का अधिकार है? मोदी है तो यही मुमकिन है।’
Published: 30 Jul 2021, 9:13 AM IST
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Published: 30 Jul 2021, 9:13 AM IST