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सुबोध सिंह पर कुल्हाड़ी चलाने वाले कलुआ का कबूलनामा, पहले वार में काट दी थीं उंगलियां, फिर नट्ट ने मारी थी गोली

इंस्पेक्टर सुबोध की गोली मारकर हत्या से पहले कलुआ ने उनपर कुल्हाड़ी से वार किया था। पहले वार में उनके हाथ की उंगलियां कट गई थीं और दूसरे वार में उनके कंधे पर गहरा घाव हुआ था। इसके बाद प्रशांत नट्ट ने इंस्पेक्टर के हाथ से उनकी पिस्टल छीनकर उन्हें गोली मार दी।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश पुलिस ने बीते साल 3 दिसंबर को बुलंदशहर में भड़की हिंसा के दौरान भीड़ के हाथों विभत्स तरीके से मारे गए इंस्पेक्टर सुबोध कुमार पर कुल्हाड़ी से वार करने के आरोपी कलुआ को पकड़ लिया है। पुलिस ने 25 वर्षीय कलवा को चिरंगावठी गांव से पकड़ा है। आरोप है कि इंस्पेक्टर सुबोध की गोली मारकर हत्या से पहले इसी कलुआ ने दर्दनाक तरीके से उनपर कुल्हाड़ी से वार किया था। कुल्हाड़ी के पहले वार में इंस्पेक्टर सुबोध के हाथ की उंगलियां कट गई थीं और दूसरे वार में उनके कंधे पर गहरा घाव हो गया था। इसके बाद मरणासन्न हो चुके इंस्पेक्टर के हाथ से उनकी पिस्टल छीनकर प्रशांत नट्ट ने उनके चेहरे को निशाना बनाकर गोली मार दी।

बुलंदशहर पुलिस का दावा है कि कलुआ ने न सिर्फ अपराध कबूल किया है बल्कि सिलसिलेवार तरीके से पूरा घटनाक्रम भी बताया है। पुलिस के अनुसार कलुआ हिंसा के दौरान इंस्पेक्टर पर गोली चलाने के आरोप में पहले गिरफ्तार किये जा चुके प्रशांत नट्ट का दोस्त है और इन दोनों ने ही मिलकर इंस्पेक्टर को हत्या की थी। इसी गांव के एक प्रत्यक्षदर्शी मुकेश कुमार के बयानों से भी पूरे घटनाक्रम की पुष्टि हुई है।

पुलिस का दावा है कि उसने कलुआ को देर रात सैदपुरा के बाहर से गिरफ्तार किया है। प्रशांत नट्ट की गिरफ्तारी और मौके पर मौजूद रहे मुकेश की गवाही के बाद यह साफ हो गया था कि इंस्पेक्टर सुबोध पर कुल्हाड़ी से वार करने वाला दरिन्दा चिरंगावठी गांव का कलुआ है। बवाल के वायरल हुए वीडियो में कलुआ इसी कुल्हाड़ी से पेड़ काटकर सड़क पर डालकर वाहनों की आवाजाही रोक रहा था।

स्याना थाने के पुलिस इंस्पेक्टर किरणपाल सिंह के मुताबिक कलुआ की गिरफ्तारी के बाद उसके बताए हुए घटनाक्रम ने उन्हें दहला दिया है। अपने बयान में कलुआ ने माना है कि उसने इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या तड़पा-तड़पाकर की। पुलिस ने उसके पास से अपराध में इस्तेमाल की गई कुल्हाड़ी बरामद कर ली है। हालांकि इस बात की संभावना कम ही है कि कलुआ अदालत में यही बयान देगा। इससे पहले गिरफ्तार प्रशांत नट्ट ने पुलिस के सामने यही बयान दिया था। लेकिन मीडिया के सामने अपने बयानों से मुकर गया था।

कलुआ ने अपने बयान में कहा है, “3 दिसंबर की दोपहर इंस्पेक्टर सुबोध द्वारा इलाके में मिले गोवंश के अवशेषों को मिट्टी में दबाने की कोशिश से हम भड़क गए थे। भीड़ के उग्र होने पर पुलिस वालों में भगदड़ मच गई और सभी इधर-उधर भागने लगे। भीड़ से बचने के लिए इंस्पेक्टर सुबोध अपनी जान बचाकर खेत की तरफ भागे जहां हमने ने उन्हें घेर लिया। यहां मैंने उन पर कुल्हाड़ी से वार किया, जिसे उन्होंने अपने हाथ से रोकने की कोशिश की, जिससे उनकी उंगलियां कट गईं। उसके बाद उनपर दूसरा वार किया जो उनके कंधे पर लगा, जिससे उनका शरीर बेजान हो गया। बाद में प्रशांत ने उनकी पिस्टल छीनकर उन्हें गोली मार दी।” कलुआ की गिरफ्तारी के बाद हुए खुलासे से इंस्पेक्टर सुबोध का परिवार सदमे में है।

वहीं घटना के वायरल वीडियो में प्रशांत नट्ट और कलुआ, इंस्पेक्टर सुबोध से बहस करते दिखाई दे रहे हैं। इसमें औरंगाबाद थाने के इंस्पेक्टर अरविंद कुमार सिंह भी हैं, लेकिन इसके बाद इंस्पेक्टर सुबोध अकेले दिखाई देते हैं।

हालांकि, बुलंदशहर हिंसा में इंस्पेक्टर सुबोध की हत्या का मास्टरमाइंड कहा जाने वाला बजरंग दल का जिला संयोजक योगेशराज अब तक फरार है। जबकि स्थानीय अखबारों में छपी खबरों के मुताबिक वो बुलंदशहर में ही हिन्दू संगठनों के संरक्षण में है। जिले के नये एसपी क्राइम शिवराम यादव के अनुसार अब तक बुलंदशहर बवाल के 30 आरोपी गिरफ्तार किये जा चुके हैं, जबकि 8 लोगों को गोकशी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है।

गौरतलब है कि 3 दिसंबर की बुलंदशहर के स्याना थाना क्षेत्र के गांव महाब के जंगलो में गोवंश के अवशेष मिले थे, जिन्हें ट्रेक्टर-ट्रॉली में लादकर चिरंगावठी पुलिस चौकी के सामने हिन्दू संगठनों से जुड़े कार्यकर्ताओं ने जाम लगाकर हंगामा करना शुरू कर दिया था। पुलिस द्वारा रोकने की कोशिश पर भड़के बवाल में बीड़ में शामिल एक युवक सुमित और स्याना कोतवाल सुबोध कुमार राठौर की गोली लगने से मौत हो गई थी। बाद की जांच में पता चला कि इंस्पेक्टर सुबोध की दर्दनाक और वीभत्स तरीके से हत्या की गई थी। बता दें कि उसी दिन घटनास्थल से 40-45 किमी दूर मुस्लिम समाज का एक बड़ा कार्यक्रम चल रहा था, जिसमे शामिल होने लाखों की संख्या में लोग बाहर से आए थे।

बुलंदशहर की यह घटना राज्यसभा में भी हंगामे की वजह बनी और उत्तर प्रदेश की बीजेपी सरकार को तीखी आलोचना का सामना करना पड़ा। लेकिन प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने इंस्पेक्टर के हत्यारों की गिरफ्तारी से अधिक गोकशी के कोण को ज्यादा तवज्जो देना सही माना। उन्होंने बाजाप्ता प्रदेश के सभी डीएम और एसपी को फरमान जारी कर गोकशी की घटनाओं पर रोक लगाने के लिए कहा और ऐसा नहीं होने पर परिणाम की चेतावनी भी दी गई। घटना के दो दिन बाद बुलंदशहर के तमाम बड़े पुलिस अधिकारियों को हटा दिया गया।

लेकिन इंस्पेक्टर सुबोध की दर्दनाक तरीके से की गई हत्या का सच सामने आने के बाद ये साबित होता है कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं थी, बल्कि योजनाबद्ध तरीके से निशाना बनाकर इंस्पेक्टर सुबोध को तड़पा-तड़पाकर कर मारा गया है।

Published: 01 Jan 2019, 5:07 PM IST

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Published: 01 Jan 2019, 5:07 PM IST