नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) के खिलाफ लखनऊ घंटाघर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन को सोमवार को एक महीना पूरा हो गया। महिला प्रदर्शनकारियों ने कहा है कि जब तक सरकार विवादास्पद कानून को वापस नहीं लेती तब तक सीएए के खिलाफ उनका विरोध-प्रदर्शन जारी रहेगा।
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17 दिसबंर से प्रदर्शन में भाग ले रही 73 साल की अस्मत बानो ने कहा, “सीएए के खिलाफ लड़ाई को एक माह पूरा हो गया है और इसके साथ ही हमारा संकल्प और मजबूत हुआ है। जब तक जरूरत होगी तब तक हम अपना प्रदर्शन जारी रखेंगे।” उन्होंने आगे कहा, “हमें हटाने के लिए सरकार ने सभी तरीके अपना लिए हैं। उन्होंने हमारे कंबल चुरा लिए, हमारे बच्चों के खाने के पैकेट ले लिए और कड़ाके की ठंड वाले सर्दी के मौसम में हमें टेंट लगाने की इजाजत नहीं दी, फिर भी हमारी भावनाओं को तोड़ने में वे असफल रहे।”
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अस्मत बानो ने आरोप लगाया, “अब ठंड नहीं है और तापमान में वृद्धि हो रही है। अब वे हमें छाते का इस्तेमाल करने से रोक रहे हैं।”
सीएए विरोधी प्रदर्शन में भाग ले रही एक छात्रा रूही ने कहा, “वह कई प्राथमिकियों में नामजद है। गलत पार्किंग के चलते उसकी स्कूटी का तीन बार चालन हो चुका है, फिर भी वह प्रदर्शन में भाग लेने के लिए दृढ़-संकल्पित है।” उसने कहा, “हम इस बात की पूरी कोशिश करेंगे कि सरकार झुके। यह हमारे अधिकारों और भविष्य की लड़ाई है।”
(आईएएनएस के इनपुट के साथ)
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