असम-मेघालय सीमा पर पुलिस द्वारा मंगलवार तड़के अवैध लकड़ी ले जा रहे एक ट्रक को रोकने के बाद हुई हिंसा में एक वन रक्षक सहित छह लोगों की मौत के मामले में केंद्र सीबीआई जांच करवाएगा। मेघालय के मुख्यमंत्री और प्रतिनिधिमंडल से चर्चा के बाद केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने इस बात का आश्वासन दिया है।
वहीं असम-मेघालय सीमा पर मुकरो इलाके में 22 नवंबर को गोलीबारी की घटना में 6 लोगों के मारे जाने के खिलाफ कुछ समूहों द्वारा आज शाम शिलांग में निकाले गए कैंडल मार्च के दौरान हिंसा भड़क उठी जिसमें कुछ उपद्रवियों ने एक ट्रैफिक बूथ को आग लगा दी और एक सिटी बस सहित 3 पुलिस वाहनों पर हमला कर दिया। उपद्रवियों ने इस दौरान पुलिस बल पर पेट्रोल बम से हमला भी किया।
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केंद्रीय गृह मंत्रालय ने बताया कि मेघालय के मुख्यमंत्री कोनराड संगमा ने गुरुवार को केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री अमित शाह से मुलाकात की और असम-मेघालय सीमा पर हुई दुर्भाग्यपूर्ण घटना की सीबीआई जांच का अनुरोध किया। मंत्रालय ने बताया कि असम सरकार ने भी मामले की सीबीआई जांच का अनुरोध किया है। इसको लेकर गृह मंत्री अमित शाह ने आश्वासन दिया है कि भारत सरकार सीबीआई जांच करवाएगी।
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वहीं दूसरी तरफ मेघालय के मुख्यमंत्री संगमा ने अमित शाह से मुलाकात के बाद कहा कि हमने भारत सरकार से इस घटना की केंद्रीय एजेंसी गठित कर जांच करने का अनुरोध किया है। केंद्रीय गृह मंत्री ने एक केंद्रीय एजेंसी के तहत जांच का आश्वासन दिया है। उन्होंने बताया कि गृह मंत्री के साथ हमारी बैठक में हमने इस बात पर जोर दिया कि मेघालय में आवश्यक वस्तुओं की आपूर्ति बाधित नहीं होनी चाहिए और पड़ोसी राज्यों से पूर्ण समर्थन मिलना चाहिए।
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संगमा ने कहा कि अलग-अलग घटनाओं ने स्थिति को और तनावपूर्ण बना दिया है, जिसके कारण अंतत: वह स्थिति उत्पन्न हो गई, जहां मुकरोह में घटना हुई। इसलिए, यह जरूरी है कि सीमा विवाद को सुलझाने के लिए सभी प्रयास किए जाएं। उन्होंने कहा कि इस घटना के साथ, असम के साथ चल रही सीमा वार्ता में बाधा उत्पन्न हुई है और ऐसे बहुत से क्षेत्र हैं, जहां विश्वास को फिर से बनाना है। यही वजह है कि इसके लिए भारत सरकार का हस्तक्षेप आवश्यक है। इसके अलावा सीमा क्षेत्रों में लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने पर भी बात हुई।
कोनराड संगमा ने कहा कि राज्य में कानून व्यवस्था कायम है। हम अपने लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और शांति बनाए रखने के लिए विभिन्न हितधारकों के साथ संपर्क में हैं। इसके अलावा आठवीं अनुसूची में खासी और गारो भाषाओं को शामिल करने की मांग भी मुख्यमंत्री ने अमित शाह के सामने रखी।
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