पूर्व गृह मंत्री पी. चिदंबरम ने बिलकिस बानो मामले में सजा में छूट पर सवाल उठाया है। चिदंबरम ने एक ट्वीट में कहा, "कानून की तय स्थिति यह है कि ऐसे मामले में जहां अभियोजन एजेंसी सीबीआई थी, राज्य सरकार सजा में छूट देने से पहले केंद्र सरकार से परामर्श करने के लिए बाध्य है।"
उन्होंने कहा कि जो स्पष्ट प्रश्न उठे, वे यह है कि "क्या गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार से परामर्श किया? इसके बाद, केंद्र सरकार का क्या विचार था?" उन्होंने कहा, "यह अकल्पनीय है कि गुजरात सरकार ने केंद्र सरकार के दृष्टिकोण की अवहेलना की होगी, पीएम और गृहमंत्री को इन सवालों के जवाब दें। वे चुप्पी नहीं साध सकते।"
Published: undefined
आपको बता दें, बिलकिस बानो सामूहिक बलात्कार और उसके परिवार के सात सदस्यों की हत्या में उम्रकैद की सजा पाने वाले सभी 11 दोषियों को गुजरात सरकार द्वारा अपनी छूट नीति के तहत रिहा करने की अनुमति मिलने के बाद सोमवार को गोधरा उप-जेल से बाहर चले गए।
मुंबई की एक विशेष सीबीआई अदालत ने 21 जनवरी 2008 को 11 आरोपियों को सजा सुनाई थी। बॉम्बे हाईकोर्ट ने बाद में उनकी सजा को बरकरार रखा।
रिपोर्टो के अनुसार, दोषियों ने 15 साल से अधिक जेल की सजा काट ली थी और उनमें से एक ने समय से पहले रिहाई के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, जिस पर शीर्ष अदालत ने गुजरात सरकार को छूट के मुद्दे पर गौर करने का निर्देश दिया था।
Published: undefined
Google न्यूज़, नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें
प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia
Published: undefined