हालात

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज किया, कहा- प्रक्रिया पारदर्शी और सख्त है

सीईसी की टिप्पणियां दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा लगाए गए हालिया आरोपों की पृष्ठभूमि में आईं हैं। आतिशी ने दावा किया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ की जा रही है।

मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज किया (फोटोः विपिन)
मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने वोटर लिस्ट में छेड़छाड़ के आरोपों को खारिज किया (फोटोः विपिन) फोटोः विपिन

मुख्य निर्वाचन आयुक्त (सीईसी) राजीव कुमार ने दिल्ली चुनाव से पहले मतदाता सूची में हेरफेर के लग रहे आरोपों को मंगलवार को खारिज कर दिया और कहा कि संपूर्ण दस्तावेज प्रदान करने, मौके पर पहुंचकर किए गए सत्यापन और संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का मौका दिए बिना कोई नाम नहीं हटाया जा सकता है। कुमार ने इस बात पर जोर दिया कि मतदाता सूची में नाम जोड़ने और हटाने की प्रक्रिया पारदर्शी, सख्त और इतनी मजबूत है कि उसमें मनमाफिक तरीके से कोई बदलाव नहीं हो सकते।

Published: undefined

दिल्ली विधानसभा चुनाव के कार्यक्रम की घोषणा करने के लिए आयोजित संवाददाता सम्मेलन में सीईसी राजीव कुमार ने कहा, ‘‘मतदाता सूची की प्रक्रिया का हर चरण पारदर्शिता और जवाबदेही पर आधारित है। सख्त प्रोटोकॉल का पालन किए बिना नामों को हटाना संभव नहीं है और हर पार्टी को विभिन्न चरणों में आपत्तियां उठाने का अधिकार है।’’ कुमार ने मतदाता सूची के रखरखाव को नियंत्रित करने वाली व्यापक प्रक्रिया का भी विवरण दिया।

Published: undefined

उनका कहना था कि नाम जोड़ने के लिए बूथ स्तर के अधिकारियों (बीएलओ) द्वारा पूरी तरह से मौके पर पहुंचकर सत्यापन किए जाने बाद ही नाम शामिल किए जाते हैं। कुमार ने कहा, ‘‘राजनीतिक दलों के प्रतिनिधियों के साथ नियमित बैठकें आयोजित की जाती हैं, जिनके पास बूथ-स्तरीय एजेंट (बीएलए) नियुक्त करने का अधिकार है। दावों और आपत्तियों की साप्ताहिक सूचियां साझा की जाती हैं और मसौदा तथा अंतिम सूची दोनों चुनाव आयोग की वेबसाइट पर प्रकाशित की जाती हैं।

Published: undefined

उन्होंने स्पष्ट किया कि उन्हें सख्त दिशानिर्देशों का पालन करते हुए केवल फॉर्म 7 या फॉर्म बी के माध्यम से ही नामों को हटाया जा सकता है। कुमार ने कहा, ‘‘पूरी तरह से दस्तावेज़ीकरण, मौके पर पहुंचकर सत्यापन और संबंधित व्यक्ति को सुनवाई का अवसर दिए बिना कोई भी नाम नहीं हटाया सकता है।" सीईसी ने यह भी बताया कि दावों और आपत्तियों की न केवल समीक्षा की जाती है, बल्कि इसे सभी राजनीतिक दलों के साथ साझा किया जाता है और पारदर्शिता सुनिश्चित करने के लिए इसकी ऑनलाइन उपलब्धता सुनिश्चित की जाती है।

Published: undefined

सीईसी ने कहा कि बड़े पैमाने पर नाम हटाए जाने के आरोप भ्रामक हैं और व्यवस्था में जनता के विश्वास को कमजोर करते हैं। उन्होंने कहा, ‘‘जहां हर वोट मायने रखता है, वहां बिना सबूत के हजारों नामों को हटाने के बारे में संदेह उठाना भ्रामक बात है। हम जिन प्रक्रियाओं का पालन करते हैं, उनमें हेरफेर की कोई गुंजाइश नहीं है।’’

सीईसी की टिप्पणियां दिल्ली की मुख्यमंत्री आतिशी द्वारा लगाए गए हालिया आरोपों की पृष्ठभूमि में आईं हैं। आतिशी ने दावा किया था कि दिल्ली विधानसभा चुनाव को प्रभावित करने के लिए नई दिल्ली विधानसभा क्षेत्र में मतदाता सूची के साथ छेड़छाड़ की गई थी।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined