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अरुणाचल से 'अगवा' युवक को चीनी सेना ने भारत को सौंपा, राहुल गांधी ने रिहाई के लिए उठाई थी आवाज

इससे पहले भी सितंबर 2020 में चीनी की सेना पीएलए ने अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद भारतीय सेना के दबाव के बाद उन्हें रिहा कर दिया था। राहुल गांधी ने उस समय भी उनकी रिहाई का मुद्दा उठाया था।

फोटोः @KirenRijiju
फोटोः @KirenRijiju 

अरुणाचल प्रदेश से कथित तौर पर अगवा किए गए किशोर मिराम तारोन को चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने भारतीय सेना को सौंप दिया है। युवक के लापता होने के नौ दिन बाद उसे भारतीय सेना को सौंपा गया है। युवक के अगवा किये जाने की खबर आने के बाद कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सरकार से उसकी सकुशल रिहाई के लिए कदम उठाने की मांग की थी।

मिराम तारोन की रिहाई की जानकारी केंद्रीय कानून मंत्री किरेन रिजिजू ने दी है। उन्होंने एक ट्वीट कर बताया कि चीनी सेना ने अरुणाचल प्रदेश के किशोर मिराम तारोन को भारतीय सेना को सौंप दिया है और अब मेडिकल जांच सहित उचित प्रक्रियाओं का पालन किया जा रहा है।रिजिजू ने 18 जनवरी को किशोर के लापता होने के बाद से उसकी रिहाई की प्रक्रिया की बारीकी से निगरानी की थी।

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वहीं, अरुणाचल प्रदेश के अपर सियांग जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने कहा कि वे सेना, पुलिस, स्वास्थ्य और स्थानीय अधिकारियों के साथ मिलकर युवक को उसके परिवार को सौंपने से पहले औपचारिकताओं का पालन करेंगे। अपर सियांग जिला प्रशासन के एक अधिकारी ने मीडिया को बताया कि युवक को उसके परिवार को सौंपने से पहले हमें कोविड-19 प्रोटोकॉल का पालन करना होगा।

अपर सियांग जिले के जिदो गांव के निवासी 19 साल के युवक मिराम तारोन का पीएलए द्वारा 18 जनवरी को भारतीय क्षेत्र के बिशिंग इलाके के शियुंग ला से कथित तौर पर अपहरण कर लिया गया था। इसके बाद वहां के स्थानीय सांसद ने इस मुद्दे को उठाते हुए ट्वीट किया था। इस पर राहुल गांधी ने ट्वीट कर युवक की सुरक्षित रिहाई कराने की भारत सरकार से मांग की थी।

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इस खबर के फैलने के बाद भारतीय सेना ने हॉटलाइन के जरिए चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी से संपर्क किया था और अरुणाचल प्रदेश में अपहृत किशोर की वापसी की मांग की थी। रक्षा पीआरओ ने ट्वीट करते हुए कहा था कि अरुणाचल प्रदेश के जोदो के 17 वर्षीय मिराम तरोन को कथित तौर पर एलएसी के पार पीएलए ने पकड़ लिया है। सूचना मिलने पर, भारतीय सेना ने तुरंत एक हॉटलाइन के माध्यम से पीएलए से संपर्क किया। प्रोटोकॉल के तहत उसका पता लगाने और उसे वापस करने के लिए पीएलए से मदद मांगी गई है।

वहीं, चश्मदीदों के अनुसार चीनी सेना ने कथित तौर पर किशोर का भारतीय क्षेत्र से अपहरण कर लिया था, जहां चीन ने 2018 में 3-4 किमी सड़क का निर्माण किया था। भागने में सफल रहे किशोर के दोस्त ने अधिकारियों को मामले की सूचना दी थी और अरुणाचल पूर्व संसदीय क्षेत्र के बीजेपी सांसद तापिर गाओ के संज्ञान में लाया था, जिसके बाद गाओ ने घटना के बारे में ट्वीट किया था।

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इससे पहले भी सितंबर 2020 में, चीनी सेना ने कथित तौर पर अरुणाचल प्रदेश के ऊपरी सुबनसिरी जिले से पांच लड़कों का अपहरण कर लिया था और लगभग एक सप्ताह के बाद उन्हें रिहा कर दिया था। इस क्षेत्र के ग्रामीणों को उचित सड़कों की कमी के कारण दूरदराज के पहाड़ी इलाकों से गुजरना पड़ता है। अरुणाचल प्रदेश चीन के साथ 1,080 किलोमीटर की सीमा साझा करता है और अक्सर वहां पर ऐसी घटनाएं होती रहती हैं।

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