
कांग्रेस ने मंगलवार को बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार की आलोचना करते हुए उस पर प्रोफेसर सब्यसाची दास के शोधपत्र को लेकर हुए विवाद के बीच हरियाणा के सोनीपत स्थित अशोका यूनिवर्सिटी में इंटेलिजेंस ब्यूरो (आईबी) की टीम भेजने का आरोप लगाया। पार्टी ने कहा, ''सरकार लोकतंत्र की हत्या की बात साबित कर रही है।''
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक ट्वीट में कहा : "एक प्रमुख निजी विश्वविद्यालय में एक अकादमिक के बाद इंटेलिजेंस ब्यूरो को भारत में लोकतांत्रिक गिरावट का साक्ष्य के साथ विश्लेषण करने के लिए भेजकर नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार इस बात को साबित कर रही है कि भारत में लोकतंत्र की हत्या हाेे रही है। यह सचमुच अभूतपूर्व है।"
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जयराम रमेश की टिप्पणी उस रिपोर्ट पर आई है जिसमें पता चला है कि आईबी टीम फैकल्टी मेंबर्स द्वारा उनके काम में हस्तक्षेप न करने की उनकी मांगों को स्वीकार करने और 23 अगस्त तक प्रोफेसर दास से संबंधित मुद्दे को हल करने की समय सीमा से ठीक दो दिन पहले अशोका विश्वविद्यालय पहुंची।
दास ने इस महीने की शुरुआत में विश्वविद्यालय से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद प्रोफेसर पुलाप्रे बालाकृष्णन ने भी उनका इस्तीफा स्वीकार किए जाने के विरोध में इस्तीफा दे दिया था। अर्थशास्त्र, समाजशास्त्र और मानव विज्ञान और राजनीति विज्ञान सहित विश्वविद्यालय के कई विभागों ने दास के प्रति अपनी एकजुटता व्यक्त की है और उनकी तुरंत बहाली की मांग की है।देशभर के 91 विश्वविद्यालयों के लगभग 320 अर्थशास्त्रियों ने दास को अपना समर्थन दिया है और विश्वविद्यालय से उन्हें तुरंत बहाल करने का आग्रह किया है।
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