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कांग्रेस का मोदी सरकार पर हमला, कहा- महंगाई-बेरोजगारी के रूप में देश को मिले दो बड़े धोखे, लोगों को खाने के लाले

कांग्रेस ने खुदरा मुद्रास्फीति की दर के 7.35 फीसदी तक पहुंच जाने को लेकर मोदी सरकार पर जमकर हमला बोला। रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि मोदी सरकार ने महंगाई, बेरोजगारी के रूप में देश को दो बड़े धोखे दिये हैं। वहीं ‘शासन नहीं विभाजन’ बीजेपी का नया नारा बन गया है।

फोटो: Getty Image
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कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस करके कहा, “महंगाई और बेरोजगारी के रूप में मोदी सरकार ने देश को दो धोखे दिए हैं। देश में महंगाई चरम सीमा पर है। आम आदमी का बजट गड़बड़ा गया है। देश के लोगों को खाने के लाले पड़ गए। शायद 2012-13 के बाद पहली बार महंगाई इतनी चरम सीमा पर पहुंची है। 2013-14 में ‘अबकी बार, महंगाई पर वार’ की बात करने वाले मोदी जी चुप बैठे हैं और महंगाई डायन की भांति हर रोज बढ़ती जा रही है।”

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उन्होंने आगे कहा, “खुदरा महंगाई जुलाई 2019 में 3.15% थी, अगस्त में 3.28%, सितंबर में 3.99%, अक्टूबर में 4.62%, नवम्बर में 5.54% और दिसंबर में 7.35% हो गई। जनवरी-20 में महंगाई 8% को छू रही है। बीजेपी सरकार नकारा और निकम्मी है। न प्रधानमंत्री कोई जवाब देते, न खाद्य मंत्री।”

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उन्होंने आगे कहा, “बीजेपी को न महंगाई की परवाह है और न ही जनमानस की की कोई चिंता। नवंबर 2013 के मुकाबले आज खाद्य पदार्थों की महंगाई चरम सीमा पर है। सब्जियों के दाम 60%, दालों के 15.5%, खाद्य और पेय पदार्थों के 12.5%, मसालों के 6% बढ़ गए। अब शाकाहारी होना भी अपराध हो गया।”

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उन्होंने आगे कहा, “2014 में प्याज का दाम ₹8 प्रति किलो था, आज ₹85 हो गया। टमाटर ₹14 प्रति किलो था, आज ₹39 हो गया। आलू का दाम ₹8 प्रति किलो था, आज ₹29 हो गया। लहसुन ₹290 प्रति किलो हो गया। गोभी ₹58 प्रति किलो हो गई। हर खाद्य पदार्थ महंगा हो गया है।”

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उन्होंने आगे कहा, “गरीब आदमी न आटा खरीद सकता, न चावल, न प्याज, न टमाटर, न लहसुन, न दाल खरीद सकता। ऐसे में गरीब आदमी कैसे जिएगा? महंगाई ने आम आदमी का बजट बिगाड़ दिया है। केवल बीजेपी की आय बढ़ी है। लगभग 1450% एक तरफ महंगाई बढ़ रही है, दूसरी तरफ बीजेपी की आय। आरबीआई के आंकड़े कहते हैं कि 2019-20 में 16 लाख नौकरियां कम हो गई। इस साल 50 हजार सरकारी नौकरियां खत्म होने का अनुमान है।”

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उन्होंने आगे कहा, “Oyo कम्पनी ने 1000 कर्मचारी और वॉलमार्ट में 50 बड़े अधिकारी हटा दिए। ऑटो सेक्टर 20 साल के निचले पायदान पर है। पिछले एक साल में लगभग 50 लाख नौकरियां इस देश में चली गई। इन सबके बीच प्रधानमंत्री कहां है? प्रधानमंत्री का काम अब शासन नहीं, विभाजन बन गया है।”

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