
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने केंद्र सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में जारी अधिसूचना पर सवाल उठाया। उन्होंने इस संबंध में अपने सोशल मीडिया एक्स हैंडल पर पोस्ट भी किया है। साथ ही, उन्होंने तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में जारी अधिसूचना भी साझा कर इसकी केंद्र सरकार की अधिसूचना से तुलना की।
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कांग्रेस नेता ने कहा कि जब तेलंगाना सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी की गई थी, तो उसमें तीन बार 'जाति' शब्द का जिक्र किया गया था। लेकिन, विडंबना देखिए कि आज जब केंद्र सरकार ने अधिसूचना जारी की है, तो इसमें एक बार भी जाति शब्द का इस्तेमाल नहीं किया गया है।
कांग्रेस नेता ने यह पोस्ट केंद्र सरकार की तरफ से जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी करने के बाद किया है। इस मामले को लेकर सियासत चरम पर है। सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ही एक-दूसरे पर हमलावर हैं।
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बता दें कि केंद्र सरकार ने सोमवार को जातिगत जनगणना के संबंध में अधिसूचना जारी की थी। इस अधिसूचना में बताया गया है कि जातिगत जनगणना दो चरणों में संपन्न होगी।
नोटिफिकेशन के मुताबिक, पहला चरण 1 अक्टूबर, 2026 से शुरू होगा, जिसमें जम्मू-कश्मीर, लद्दाख, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड शामिल होंगे, जबकि दूसरा चरण 1 मार्च, 2027 से शुरू होगा।
अधिसूचना के अनुसार जनगणना के लिए संदर्भ तारीख पूरे भारत के लिए 1 मार्च, 2027 को रात 12 बजे होगी, लेकिन लद्दाख, जम्मू-कश्मीर, हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड के बर्फीले क्षेत्रों में यह तारीख 1 अक्टूबर, 2026 को रात 12 बजे होगी।
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