उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि कानपुर प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए ताकि पूरी सच्चाई जनता के सामने आ सके। कांग्रेस ने कहा कि विकास दुबे जैसे अपराधियों को संरक्षण देने वालों की असलियत सामने आने के बाद ही, गोलीकांड में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवारों को न्याय मिल पाएगा।
कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी शासन में ‘उत्तर प्रदेश’ अब ‘अपराध प्रदेश’ बन गया है। प्रदेश में संगठित अपराध, नाजायज हथियार, हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, महिला अपराध का चारों ओर बोलबाला है। उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार अपराध के लगभग हर पायदान पर प्रदेश पहले नंबर पर है। ऐसा प्रतीत होता है कि कानून व्यवस्था अपराधियों की ‘दासी’ और अपराधों की ‘बंधक’ बन गई है।
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रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रकार 3 जुलाई, 2020 को यूपी पुलिस के एक डीएसपी सहित आठ जवानों की नृशंस हत्या हुई, उसने पूरे देश के रोंगटे खड़े कर दिए और आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज के बोलबाले को उजागर किया। इस गोलाबारी और हत्याकांड का आरोपी विकास दुबे बड़े आराम से उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा दे फरार हो गया। फिर हरियाणा के फरीदाबाद से होते हुए 1000 किलोमीटर दूर उज्जैन (मध्यप्रदेश) तक सड़क मार्ग से पहुंच गया। पर न कोई रोक टोक हुई, न शिनाख्त और न धड़पकड़। फिर अपनी मर्जी से चिल्ला चिल्लाकर उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी दी। और आज विकास दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की खबर भी आ गई।
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सुरजेवाला ने आगे कहा कि विकास दुबे तो संगठित अपराध का महज एक मोहरा था। उन्होंने पूछा कि उस संगठित अपराध के सरगना असल में हैं कौन? सुरजेवाला ने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अनेकों सवाल सार्वजनिक जेहन में खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब आदित्यनाथ सरकार को देना होगाः
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कांग्रेस नेता ने कहा कि आठ पुलिस के अधिकारियों और जवानों की नृशंस हत्या और विकास दुबे के एनकाउंटर ने अपने आप में आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज और अपराधिक बोलबाले को लेकर गहन सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास दुबे के सरगनाओं को बेनकाब करके ही आठ शहीद पुलिसकर्मियों को न्याय मिल सकता है और संगठित अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।
सुरजेवाला ने कहा कि “इसलिए हमारी मांग है कि न केवल विकास दुबे एनकाउंटर, परंतु संगठित अपराध के सत्ता-शासन में बैठे गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए एक सीमित समय में सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाए। यह मुख्यमंत्री आदित्य नाथ और देश के गृहमंत्री अमित शाह के लिए कसौटी की घड़ी है कि क्या वो सफेदपोशों और शासन में बैठे लोगों के अपराधियों के साथ गठजोड़ को उजागर करने की हिम्मत दिखाएंगे? यही राजधर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का इम्तिहान भी है।”
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