हालात

विकास एनकाउंटर पर कांग्रेस ने योगी सरकार को घेरा, सत्ता-शासन में बैठे आकाओं को बेनकाब करने की उठाई मांग

कानपुर कांड के आरोपी विकास दुबे के कथित मुठभेड़ में मारे जाने की घटना पर सवालों की झड़ी लगाते हुए कांग्रेस ने कहा कि विकास दुबे तो संगठित अपराध का महज एक मोहरा था। उसके एनकाउंटर के बाद अनेकों सवाल खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब आदित्यनाथ सरकार को देना होगा।

फोटोः सोशल मीडिया
फोटोः सोशल मीडिया 

उत्तर प्रदेश के कानपुर में आठ पुलिसकर्मियों की हत्या के आरोपी विकास दुबे के कथित मुठभेड़ में मारे जाने पर कई गंभीर सवाल उठाते हुए कांग्रेस ने कहा कि कानपुर प्रकरण की उच्चतम न्यायालय के किसी वर्तमान न्यायाधीश से न्यायिक जांच कराई जानी चाहिए ताकि पूरी सच्चाई जनता के सामने आ सके। कांग्रेस ने कहा कि विकास दुबे जैसे अपराधियों को संरक्षण देने वालों की असलियत सामने आने के बाद ही, गोलीकांड में मारे गए पुलिसकर्मियों के परिवारों को न्याय मिल पाएगा।

कांग्रेस के प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि बीजेपी शासन में ‘उत्तर प्रदेश’ अब ‘अपराध प्रदेश’ बन गया है। प्रदेश में संगठित अपराध, नाजायज हथियार, हत्या, बलात्कार, डकैती, अपहरण, महिला अपराध का चारों ओर बोलबाला है। उत्तर प्रदेश में अपराध के आंकड़ों का हवाला देते हुए उन्होंने कहा कि एनसीआरबी के आंकड़ों के अनुसार अपराध के लगभग हर पायदान पर प्रदेश पहले नंबर पर है। ऐसा प्रतीत होता है कि कानून व्यवस्था अपराधियों की ‘दासी’ और अपराधों की ‘बंधक’ बन गई है।

Published: undefined

रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि जिस प्रकार 3 जुलाई, 2020 को यूपी पुलिस के एक डीएसपी सहित आठ जवानों की नृशंस हत्या हुई, उसने पूरे देश के रोंगटे खड़े कर दिए और आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज के बोलबाले को उजागर किया। इस गोलाबारी और हत्याकांड का आरोपी विकास दुबे बड़े आराम से उत्तर प्रदेश पुलिस को चकमा दे फरार हो गया। फिर हरियाणा के फरीदाबाद से होते हुए 1000 किलोमीटर दूर उज्जैन (मध्यप्रदेश) तक सड़क मार्ग से पहुंच गया। पर न कोई रोक टोक हुई, न शिनाख्त और न धड़पकड़। फिर अपनी मर्जी से चिल्ला चिल्लाकर उसने उज्जैन के महाकाल मंदिर में गिरफ्तारी दी। और आज विकास दुबे की पुलिस एनकाउंटर में मारे जाने की खबर भी आ गई।

Published: undefined

सुरजेवाला ने आगे कहा कि विकास दुबे तो संगठित अपराध का महज एक मोहरा था। उन्होंने पूछा कि उस संगठित अपराध के सरगना असल में हैं कौन? सुरजेवाला ने कहा कि विकास दुबे के एनकाउंटर के बाद अनेकों सवाल सार्वजनिक जेहन में खड़े हो गए हैं, जिनका जवाब आदित्यनाथ सरकार को देना होगाः

  1. क्या विकास दुबे सफेदपोशों और शासन में बैठे लोगों का राजदार था? क्या उसे सत्ता-शासन में बैठे व्यक्तियों का संरक्षण था?
  2. विकास दुबे के पास वो क्या राज थे, जो सत्ता-शासन से गठजोड़ को उजागर करते?
  3. विकास दुबे का नाम प्रदेश के 25 मोस्ट वांटेड अपराधियों में शामिल क्यों नहीं किया गया था?
  4. क्या विकास दुबे का एनकाउंटर अपने आप में कई सवाल नहीं खड़े कर गया?
  5. अगर उसे भागना ही था, तो फिर उज्जैन में तथाकथित सरेंडर क्यों किया?
  6. एनकाउंटर से पहले मीडिया के साथी, जो एसटीएफ की गाड़ियों के साथ चल रहे थे, उन सबको क्यों रोक दिया गया?
  7. पहले कहा गया कि अपराध की संगीनता को देखते हुए विकास दुबे को चार्टर प्लेन में लाएंगे, फिर यह फैसला क्यों बदल दिया गया?
  8. पहले विकास दुबे एसटीएफ की सफारी गाड़ी में दिखा, तो फिर उसे महिंद्रा टीयूवी300 में कब और कैसे शिफ्ट किया गया?
  9. विकास दुबे की टाँग में लोहे की रॉड होने के कारण वह लंगड़ाकर चलता था, तो वो यकायक भाग कैसे गया?
  10. अगर अपराधी विकास दुबे भाग रहा था, तो फिर गोली पीठ की बजाय छाती में कैसे लगी?
  11. मौके पर मीडियाकर्मियों को गाड़ी के एक्सीडेंट का कोई स्किड मार्क क्यों नहीं मिला और दिखा?
  12. क्या यह सही है कि पहले मीडिया को एक्सीडेंट बताया गया और अस्पताल में गोली चलने की पुष्टि की गई?
  13. क्या यह सही है कि मौके पर बारिश की वजह से कीचड़ था, तो जब भागते हुए व एनकाउंटर में मारे गए विकास दुबे के शव अस्पताल लाया गया, तो कपड़ों पर मिट्टी या कीचड़ का एक भी निशान क्यों नहीं था?
  14. इस रहस्यमयी एनकाउंटर की असलियत क्या है?

Published: undefined

कांग्रेस नेता ने कहा कि आठ पुलिस के अधिकारियों और जवानों की नृशंस हत्या और विकास दुबे के एनकाउंटर ने अपने आप में आदित्यनाथ सरकार में गुंडाराज और अपराधिक बोलबाले को लेकर गहन सवाल खड़े कर दिए हैं। उन्होंने कहा कि विकास दुबे के सरगनाओं को बेनकाब करके ही आठ शहीद पुलिसकर्मियों को न्याय मिल सकता है और संगठित अपराध पर नियंत्रण पाया जा सकता है।

सुरजेवाला ने कहा कि “इसलिए हमारी मांग है कि न केवल विकास दुबे एनकाउंटर, परंतु संगठित अपराध के सत्ता-शासन में बैठे गठजोड़ को बेनकाब करने के लिए एक सीमित समय में सुप्रीम कोर्ट के सिटिंग जज से जांच करवाई जाए। यह मुख्यमंत्री आदित्य नाथ और देश के गृहमंत्री अमित शाह के लिए कसौटी की घड़ी है कि क्या वो सफेदपोशों और शासन में बैठे लोगों के अपराधियों के साथ गठजोड़ को उजागर करने की हिम्मत दिखाएंगे? यही राजधर्म के प्रति उनकी प्रतिबद्धता का इम्तिहान भी है।”

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined