तीन उम्मीदवारों ने दावा किया है कि उन पर गांधीनगर लोकसभा सीट से अपना नामांकन वापस लेने का दबाव था और इनमें से एक उम्मीदवार ने ‘बीजेपी से जुड़े लोगों’ पर उसे धमकी देने का आरोप लगाया है, जबकि सत्तारूढ़ दल भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) ने इस आरोप को सिरे से खारिज कर दिया है।
पिछले महीने वायरल हुए एक वीडियो में जितेंद्र चौहान, जो मैदान से हट चुके हैं, ने कहा कि ‘अखिल भारतीय परिवार पार्टी’ के उम्मीदवार के रूप में नामांकन दाखिल करने के बाद ‘बीजेपी से जुड़े लोग’ उन्हें धमकी दे रहे थे।
निर्दलीय जयेंद्र राठौड़ ने कहा कि उन्होंने बीजेपी नेताओं के ‘नरम दबाव’ के कारण अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली। राठौड़ ने कहा कि बीजेपी नेताओं ने उनसे कहा था कि वे मैदान में उम्मीदवारों की संख्या कम रखना चाहते हैं।
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उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘अपने चाचा से बात करने के बाद मैंने अपनी उम्मीदवारी वापस ले ली, लेकिन इसके लिए किसी ने मुझे धमकी नहीं दी।’’
प्रजातंत्र आधार पार्टी की उम्मीदवार सुमित्रा मौर्य, जो अब भी मैदान में हैं, ने सोमनाथ में रिकॉर्ड किए गए एक वीडियो में दावा किया कि जब से उन्होंने अपना नामांकन पत्र दाखिल किया है कुछ लोग उन्हें फोन कर धमकी दे रहे हैं।
आरोपों से इनकार करते हुए गुजरात बीजेपी के प्रवक्ता यमल व्यास ने कहा कि मौजूदा सांसद और इस सीट से पार्टी के उम्मीदवार केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को ऐसी रणनीति का सहारा लेने की ज़रूरत नहीं है और बीजेपी कभी ऐसा काम नहीं करती।
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