कांग्रेस ने कहा कि पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र में दो जिम्मेदारियां मिलना भारतीय विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है, लेकिन वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन को लगातार वैध ठहराना कैसे जारी रख सकता है?
पाकिस्तान को संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख की जिम्मेदारी मिली है।
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने एक्स पर पोस्ट किया, "ऑपरेशन सिंदूर के दौरान 9 मई को आईएमएफ ने पाकिस्तान को एक अरब डॉलर दिए। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद विश्व बैंक ने पाकिस्तान को 40 अरब डॉलर देने का फैसला किया। ऑपरेशन सिंदूर के तुरंत बाद 3 जून को एडीबी ने पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर दिए।"
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उन्होंने कहा कि अब 4 जून को पाकिस्तान को यूएनएससी तालिबान प्रतिबंध समिति के अध्यक्ष और यूएनएससी आतंकवाद विरोधी समिति के उप प्रमुख के रूप में चुना गया।
उन्होंने कहा, "बेशक, यह हमारी अपनी विदेश नीति के पतन की दुखद दास्तां है लेकिन वैश्विक समुदाय पाकिस्तान द्वारा आतंकवाद के प्रायोजन को लगातार वैध ठहराने की अनुमति कैसे दे सकता है?"
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