वोट चोरी को लेकर देश में सियासत गरम है। कांग्रेस ने बृहस्पतिवार को दावा किया कि पीएम मोदी वाराणसी में ‘फर्जी मतदाताओं के बूस्टर डोज’ से जीते थे और बीजेपी ने 6 लोकसभा क्षेत्रों की मतदाता सूचियों के आंकड़े सामने रखकर यह साबित कर दिया कि उसके तथा निर्वाचन आयोग के बीच सांठगांठ है।
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पार्टी के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने यह सवाल भी किया कि राहुल गांधी को ‘वोट चोरी’ का खुलासा करने के कुछ देर बाद निर्वाचन आयोग ने नोटिस देकर हलफनामा मांगा, लेकिन बीजेपी नेता अनुराग ठाकुर के संवाददाता सम्मेलन के 24 घंटे बीतने के बावजूद उन्हें नोटिस क्यों नहीं दिया गया?
उन्होंने यह भी कहा कि फर्जी मतदाता सूची की बात साबित होने के बाद क्या अब 2024 का लोकसभा चुनाव रद्द नहीं होना चाहिए।
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पवन खेड़ा ने संवाददाताओं से कहा, ‘‘सात अगस्त को सबने देखा कि नेता विपक्ष राहुल गांधी ने ‘वोट चोरी’ का सच उजागर किया। इस खुलासे से बीजेपी के लोग छह दिन तक सदमे में रहे, फिर अनुराग ठाकुर को संवाददाता सम्मेलन करने के लिए भेजा, लेकिन उनके इस कदम से निर्वाचन आयोग की भूमिका और संगीन हो गई है।’’
उन्होंने कहा कि बीजेपी ने अपने संवाददाता सम्मेलन में छह लोकसभा क्षेत्रों के आंकड़े रखे और यह साबित करने का प्रयास किया कि इन क्षेत्रों में फर्जी मतदाता हैं तथा मतदाता सूची में गड़बड़ी है।
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कांग्रेस नेता का कहना था, ‘‘हैरानी की बात यह है कि इससे पहले बीजेपी को ‘वोट चोरी’ से फर्क नहीं पड़ रहा था, लेकिन अब अचानक से इन्हें रुचि पैदा हो गई है।’’ उनके मुताबिक, राहुल गांधी के संवाददाता सम्मेलन के कुछ देर बाद ही चुनाव आयोग का नोटिस आ गया था और उनसे हलफनामा मांगा गया था, लेकिन अनुराग ठाकुर के संवाददाता सम्मेलन के 24 घंटे से ज्यादा बीत गए हैं, लेकिन उन्हें कोई नोटिस नहीं आया।
पवन खेड़ा ने कहा, ‘‘हमें बेंगलुरु के विधानसभा क्षेत्र महादेवपुरा के आंकड़ों को एकत्र करने में छह महीने लगे, क्योंकि हमें इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची नहीं दी गई। वहीं, भाजपा सांसद अनुराग ठाकुर को छह दिन में छह लोकसभा सीट के आंकड़े मिल गए।’’
उन्होंने सवाल किया कि आखिर उन्हें ये आंकड़े इतनी जल्दी कैसे मिल गए और जब निर्वाचन आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची है, तो यह (सूची) कांग्रेस को क्यों नहीं दी जाती?
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पवन खेड़ा ने दावा किया, ‘‘इससे स्पष्ट है कि निर्वाचन आयोग के पास इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची है, लेकिन वह जनता और विपक्ष को देना नहीं चाहता।’’
उन्होंने कहा, ‘‘अनुराग ठाकुर ने जो सबूत आपके सामने रखे, वे आपराधिक सबूत हैं। हम मांग करते हैं कि ये सबूत हमें सौंपे जाएं, क्योंकि अब आपका अपराध साबित हो चुका है। बीजेपी और निर्वाचन आयोग के बीच सांठगांठ है, यह अनुराग ठाकुर ने साबित कर दिया है।’’
पवन खेड़ा ने दावा किया कि अगर वाराणसी की इलेक्ट्रॉनिक मतदाता सूची मिल जाए तो सबको यकीन हो जाएगा कि मतगणना के दिन प्रधानमंत्री मोदी को फर्जी मतदाताओं का ‘‘बूस्टर डोज’’ मिला था और यह भी साबित हो जाएगा कि वह प्रधानमंत्री की कुर्सी ‘‘चुराकर’’ इसपर बैठे हैं।
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उन्होंने सवाल किया, ‘‘बीजेपी कहती है कि राहुल गांधी जी को देश की संस्थाओं पर भरोसा नहीं है, तो क्या कल अनुराग ठाकुर संस्थाओं पर भरोसा कर रहे थे? आज पक्ष और विपक्ष दोनों निर्वाचन आयोग से सवाल पूछ रहा है, ऐसे में मुख्य निवार्चन आयुक्त ज्ञानेश कुमार कहां हैं?’’
पवन खेड़ा ने कहा कि बीजेपी के संवाददाता सम्मेलन से यह साबित हो गया है कि पिछला लोकसभा चुनाव फर्जी मतदाता सूची के आधार पर हुआ था। उन्होंने सवाल किया, ‘‘क्या इस चुनाव को रद्द नहीं कर देना चाहिए?’’
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