
‘वोट चोरी’ के मुद्दे पर अपना अभियान तेज करते हुए कांग्रेस रविवार को दिल्ली के रामलीला मैदान में विशाल रैली आयोजित करने जा रही है। इस रैली के जरिये कांग्रेस सरकार और निर्वाचन आयोग को ‘मिलीभगत’ करके चुनाव में धांधली करने के लिए घेरेगी और वोट चोरी के खिलाफ अपनी आवाज को जन-जन तक पहुंचाएगी।
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे और पार्टी के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी इस सभा को संबोधित करेंगे। उनके अलावा कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी, के सी वेणुगोपाल, जयराम रमेश, डी के शिवकुमार, सिद्दारमैया, राजेश राम और सचिन पायलट समेत शीर्ष नेता रैली में भाग लेंगे।कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी के भी रैली में मौजूद रहने की संभावना है।
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रविवार को वरिष्ठ नेता पार्टी मुख्यालय इंदिरा भवन में इकट्ठा होंगे और फिर बस से रामलीला मैदान के लिए रवाना होंगे। कांग्रेस महासचिव (संगठन) के सी वेणुगोपाल ने कहा है कि पार्टी ने ‘वोट चोरी’ के खिलाफ लगभग 55 लाख हस्ताक्षर एकत्र किए हैं। उन्होंने कहा, ‘‘राहुल जी ने सबूतों के साथ दिखाया कि वोट चोरी कैसे हो रही है... उन्होंने गृह मंत्री को प्रेसवार्ता में उनसे बहस करने की चुनौती दी। लेकिन गृह मंत्री ने इसका भी जवाब नहीं दिया।’’
उन्होंने कहा कि कांग्रेस इस मुद्दे को उजागर करने के लिए 14 दिसंबर को ‘विशाल रैली’ कर रही है। वेणुगोपाल ने कहा, ‘‘लोग इस मुद्दे पर चर्चा कर रहे हैं और हमने इसे गति देने का फैसला किया है। इस रैली के बाद, हमने राष्ट्रपति से मुलाकात का अनुरोध भी किया है, ताकि उन्हें 5.5 करोड़ हस्ताक्षरों वाला यह ज्ञापन सौंपा जा सके।’’
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कर्नाटक के सीएम सिद्दारमैया ने अपने संदेश में कहा, डेमोक्रेसी तभी खड़ी होती है जब हर नागरिक के वोट की बराबर ताकत हो। बराबर आवाज़ और बराबर कीमत के इसी विश्वास ने हमारे गणतंत्र को 75 सालों से मज़बूत रखा है, लेकिन आज बीजेपी और आरएसएस इसी बुनियाद पर हमला कर रहे हैं। वोट चोरी सिर्फ़ चुनावी गड़बड़ी नहीं है, बल्कि यह आपकी आवाज़ को मिटाने, आपके रिप्रेजेंटेटिव को चुनने के आपके अधिकार को छीनने, आपकी पहचान को दबाने और डेमोक्रेसी में हिस्सा लेने से मिलने वाली इज्ज़त को छीनने की कोशिश है। जब आपका वोट चुराया जाता है, तो आपका भविष्य चुराया जाता है। हमने बेंगलुरु, अलंड, हरियाणा, महाराष्ट्र और बिहार में लगातार उनकी हरकतों को एक्सपोज़ किया है। जहाँ भी उन्हें हार का डर लगता है, वे मैनिपुलेशन और लोगों के मैंडेट की चोरी का सहारा लेते हैं। 14 दिसंबर 2025 को नई दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी वोट चोरी और फासीवादी नीतियों के खिलाफ और हमारे संविधान की रक्षा के लिए एक बड़ी रैली करेगी। मैं हर नागरिक को इस ऐतिहासिक पल में शामिल होने के लिए बुलाता हूँ। बड़ी संख्या में दिल्ली आएँ।
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कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल प्लेटफॉर्म की चेयरपर्सन सुप्रिया श्रीनेत ने कहा, देश के हर एक नागरिक के पास वोट का अधिकार है, जो संविधान ने दिया है, लेकिन आज इस हक पर प्रहार हो रहा है। वोटर लिस्ट में धांधली कर, मनमाने ढंग से एसआईआर कर, ईवीएम में गड़बड़ी करके लोकतंत्र की आत्मा के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। राहुल गांधी जी ने लगातार सबूतों के साथ दिखाया है कि नरेंद्र मोदी और चुनाव आयोग 'वोट चोरी' कर रहे हैं। इसी कड़ी में, 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में एक विशाल रैली के जरिए नए जनजागरण की शुरुआत होने जा रही है। इस ऐतिहासिक मैदान से सिर्फ एक ही नारा गूंजेगा: 'वोट चोर - गद्दी छोड़'।
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हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने संदेश में कहा, हमारे पूर्वजों ने आजादी की लड़ाई लड़ी और देश में लोकतंत्र की नींव रखी। संविधान ने आपको 'वोट का अधिकार' दिया है, इससे देश में लोकतंत्र मजबूत रहता है। चुनी हुई सरकार शासन करती है, लेकिन उसकी चाबी जनता के हाथ में होती है। BJP की सरकार में लगातार जनता के वोट पर हमला हो रहा है, जिसके सबूत राहुल गांधी जी ने सामने रखे हैं। ये लड़ाई आपके 'वोट के अधिकार' को बचाने की है। मेरी अपील है कि 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में 'वोट चोर - गद्दी छोड़' रैली में शामिल होकर अपनी आवाज बुलंद करें।
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कांग्रेस महासचिव सचिन पायलट ने अपने संदेश में कहा, 14 दिसंबर को दिल्ली के रामलीला मैदान में कांग्रेस पार्टी 'वोट चोरी' के खिलाफ विशाल रैली का आयोजन कर रही है। 'वोट चोर - गद्दी छोड़' रैली इसलिए की जा रही है, क्योंकि चुनाव आयोग कई साल से निष्पक्षता के साथ काम नहीं कर रहा है। मेरी अपील है कि इस 'वोट चोरी' को रोकने के लिए आप सब रामलीला मैदान में एकत्रित हों।
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वोट चोरी के खिलाफ कांग्रेस की यह रैली लोकसभा में चुनाव सुधारों पर हुई तीखी बहस के कुछ दिनों बाद हो रही है। लोकसभा में सरकार और विपक्ष के बीच मतदाता सूचियों के विशेष गहन पुनरीक्षण (एसआईआर) और अन्य कथित चुनावी अनियमितताओं को लेकर तीखी बहस हुई थी। राहुल गांधी और कांग्रेस नेताओं की तरफ से उठाए गए मुद्दों और सवालों पर सरकार की ओर से कोई जवाब नहीं दिया गया।
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