सुप्रीम कोर्ट में बुधवार को कोरोना वायरस से संबंधित याचिकाओं पर सुनवाई हुई है। इस दौरान सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि निजी लैब द्वारा लिये जा रहे 4,500 रुपये सही नहीं है। कोर्ट ने बुधवार को कहा निजी लैब को कोरोना जांच के लिए पैसे लेने की अनुमति नहीं होनी चाहिए। हम इस मामले पर आदेश पारित करेंगे।
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सुप्रीम कोर्ट ने मामले को समझने के बाद केंद्र सरकार को सुझाव दिया कि निजी लैबों में कोरोना वायरस की जांच फ्री में होनी चाहिए। कोर्ट ने आगे कहा कि वह इस संबंध में एक उचित आदेश पारित करेगा।
इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल को सुझाव दिया और कहा कि निजी लैब को ज्यादा पैसे न लेने दें। आप टेस्ट के लिए सरकार से रिइंबर्स कराने के लिए एक प्रभावी तंत्र बना सकते हैं। इस पर सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि सरकार इस मामले को देखेगी और जो भी इसमें अच्छा किया जा सकता है उसे विकसित करने की कोशिश करेगी।
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मामले की सुनवाई के दौरान सरकार की तरफ से एसजी तुषार मेहता ने बताया कि पीपीई किट समेत सभी मेडिकल उपकरण का तेजी से इंतजाम किया जा रहा है। साथ ही पॉजिटिव लोग किसी को प्रभावित न करें, इसका भी पूरा ख्याल रखा जा रहा है। इसके अलावा सरकार ने कोर्ट को यह भी बताया कि डॉक्टरों के वेतन से पैसे काटने की बात में कोई सच्चाई नहीं है।
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गौरतलब है कि देश में कोरोना वायरस (कोविड-19) के कारण मरने वाले लोगों की संख्या बढ़कर 149 हो गई है। स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, देश में अब कोरोना संक्रमित लोगों की संख्या 5,194 पहुंच गई है। हालांकि, 401 लोग अब तक कोरोना वायरस की जंग जीत चुके हैं।
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