हालात

चमोली त्रासदी से सकते में देश, कहीं इसके पीछे अमेरिका की ओर से लगाई गई प्लूटोनियम डिवाइस तो नहीं? उठे सवाल

1962 में भारत चीन युद्ध के दो साल बाद 1964 में चीन ने परमाणु परीक्षण किया। 1965 में भारत सरकार की एजेंसी आईबी और अमेरिकी निगरानी एजेंसी सीआईए ने मिल चीन की गतिविधियों पर निगरानी रखने का फैसला किया। दोनों देश मिलकर नंदा देवी की चोटियों पर एक रिमोट सेंसिंग डिवाइस स्थापित किया गया।

फोटो: Getty Images
फोटो: Getty Images 

उत्तराखंड के चमोली त्रासदी के तीन दिन बाद भी बचाव कार्य जारी है। इस त्रासदी में 32 लोगों की जान जा चुकी है, जबकि 206 लोग अब भी लापता हैं। तपोवन की सुरंग में कई लोगों की फंसे होने की आशंका है। अभी तक इस आपदा आने के पीछे वजहों का पता नहीं चल पाया है। वैज्ञाानिकों की टीम घटनास्थल से जानकारी जुटाने की कोशिश कर रही है। लेकिन इस बीच एक लोगों के मन में शंका जाहिर हुई है कि आज से 55 साल पहले इसी इलाके में अमेरिका ने प्लूटोनियम डिवाइस लगाई थी। कही इस हादसे के पीछे की वडह यही तो नहीं है ना।

Published: undefined

दरअसल, 1962 में भारत चीन युद्ध के दो साल बाद 1964 में चीन ने परमाणु परीक्षण किया। 1965 में भारत सरकार की एजेंसी आईबी और अमेरिकी निगरानी एजेंसी सीआईए ने मिल चीन की गतिविधियों पर निगरानी रखने का फैसला किया। परमाणु तत्वों की पहचान करने वाला उपकरण लगाने का निर्णय लिया गया। इसके लिए नंदा देवी की चोटियों पर एक रिमोट सेंसिंग डिवाइस स्थापित किया गया। तब 56 किलोग्राम वजन का डिवाइस 24 हजार फीट की ऊंचाई पर नंदा देवी की चोटियों से ठीक पहले लगाया गया। इसमें 8 से 10 फीट का एंटीना लगा था। इस डिवाइस का सबसे महत्वपूर्ण हिस्सा था न्यूक्लियर पावर जेनरेटर। इसे ऊर्जा प्रदान करने के लिए 7 प्लूटोनियम कैप्सूल एक खास कंटेनर में लगाए गए थे। लेकिन कुछ दिन बाद ही हिमस्खलन में दोनों खो गईं। भारतीय टीम इसे काफी खोजने की कोशिश की थी, लेकिन सफल नहीं हो पाई थी। ऐसे में अब कई सवाल उठ रहे हैं।

Published: undefined

इस डिवाइस को लेकर पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने भी चिंता जाहिर की थी। उस वक्त वह भारत के विदेश मंत्री थे। उन्होंने कहा था कि प्लूटोनियम डिवाइस हिमस्खलन में कहीं खो गई और भारतीय टीम इसे खोजने की कोशिश करेगा। उन्होंने आगे कहा था कि मैं उन थ्योरी में यकीन नहीं करता जिसमें कहा गया है कि इस डिवाइस से कोई खतरा नहीं है।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined