कर्ज में डूबे एयर इंडिया की इंजीनियरिंग ब्रांच एयर इंडिया इंजीनियरिंग सर्विसेस लिमिटेड ने मार्च 2019 से अब तक कर्मचारियों के पीएफ का पैसा जमा नहीं कराया है। एक अनुमान के मुताबिक इस मद मे करीब 200 करोड़ रुपए का बकाया है। नेशनल हेरल्ड को मिले दस्तावेजों के मुताबिक कर्मचारियों के तमाम तकाजों के बाद भी पीएफ का पैसा जमा नहीं कराया गया है।
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नेशनल हेरल्ड से बात करते हुए एआईईएसएल के कई कर्मचारियों ने पीएफ का बकाया जमा करने के नाम पर कंपनी कर्मचारियों के वेतन में 20 फीसदी कटौती करने की तैयारी कर रही है। कर्मचारियों का कहना है कि आने वाले दिनों में इस बाबत कंपनी का पत्र कर्मचारियों को भेजा जा सकता है।
एक कर्मचारी ने नाम छिपाने की शर्त पर कहा कि, “कंपनी पूरे मामले को नया मोड़ देने की कोशिश कर रही है। आखिर पीएफ जमा कराने के लिए कर्मचारियों के वेतन में कटौती का क्या तर्क है?”
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इस कंपनी की स्थापना 2004 में की गई थी और इसका काम एयर इंडिया को टेक्निकल सेवाएं मुहैया कराना था। यह कंपनी एयरक्राफ्ट मेंटिनंस और रिपेयर ऑपरेशन में देश की सबसे बड़ी कंपनी होती थी।
एक अन्य कर्मचारी ने कहा कि, “मैनेजमेंट ने इसी साल मार्च में 25-30 प्रतिशत वेतन कटौती का ऐलान किया था। इस कटौती को ही अभी तक बहाल नहीं किया गया है। इसके अलावा अब वे फिर से 20 फीसदी कटौती की तैयारी कर रहे हैं। ऐसे में अब हमारे हाथ में क्या रह जाएगा।”
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गौरतलब है कि कोरोना महामारी के चलते कंपनी के राजस्व में कमी आई है इसी के चलते इस साल कंपनी ने कर्मचारियों के वेतन में कटौती की थी। कंपनी में इस वक्त करीब 5000 कर्मचारी काम करते हैं। इस कंपनी को भी सरकार एयर इंडिया के साथ बेचना चाहती है। सरकार की तमाम कोशिशों के बाद भी एयर इंडिया को अभी तक खरीददार नहीं मिला है।
सूत्रों का कहना है कि एयर इंडिया की इस कंपनी ने न सिर्फ कर्मचारियों का पीएफ नहीं जमा कराया है बल्कि ऐसे कर्मचारी जो अक्टूबर 2019 में रिटायर हुए हैं उनकी ग्रेच्युटी का पैसा भी नहीं दिया गया है। ऐसे ही एक कर्मचारी ने बताया कि, “मुझे रिटायर हुए 9 महीने हो गए हैं लेकिन मेरी ग्रेच्युटी का करीब 14-15 लाख रुपया अभी तक नहीं मिला है।”
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इस पूरे मामले पर नेशनल हेरल्ड ने कंपनी के सीईओ चंद्रशेखर करखानिस और सीएफओ कपिल असेरी को मेल भेजा है, लेकिन अभी तक इसका कोई जवाब नहीं मिला है।
इस बाबत एआईईपीएफ सचवि रुचिरा उपाध्याय ने 7 जून को कंपनी को पत्र लिखकर पीएफ का बकाया जमा कराने की मांग की थी। उन्होंने सीएफओ को भेजे पत्र में कहा है कि, “पीएफ जमा करने में कोई भी देरी को ईपीएफओ नियमों के तहत अपराध माना जाता है और इसे ईपीएफओ नियमों के मुताबिक पेनाल्टी के साथ जमा कराया जाना चाहिए।”
कई संगठनों के संघ ज्वाइंट पोरम ऑफ एयर इंडिया ने इस सिलसिले में तत्कालीन सिविल एविएशन मंत्री हरदीप सिंह पुरी को पत्र लिखकर दखल देने की मांग की थी। लेकिन उन्होंने इस पर कोई कार्रवाई नहीं की।
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