दिल्ली एमसीडी में अभी भी स्टैंडिंग कमेटी का पेच फंसा हुआ है। स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव अभी तक नहीं हो पाया है। बुधवार को मेयर, डिप्टी मेयर और स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव होना था। मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव तो शांतिपूर्वक हो गया, लेकिन स्टैंडिंग कमेटी के 6 सदस्यों का चुनाव नहीं हो पाया। गुरुवार सुबह फिर स्टैंडिग कमेटी के चुनाव के लिए निगम सचिव और महापौर आने वाले थे। आयुक्त अपनी सीट पर आ चुके थे। तभी सदन में हंगामा होने लगा। इसके बाद सदन की बैठक को शुक्रवार सुबह दस बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया।
इस दौरान बीजेपी पार्षदों ने नारेबाजी की। उन्होंने कहा कि मेयर मैडम निष्पक्ष रुप से चुनाव कराओ, मेयर मैडम सदन में आकर चुनाव कराओ, मेयर मैडम सदन में आओ, जैसे नारे लगाए गए।
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मेयर के सदन में आते ही हंगामा शांत हो गया। मेयर ने कहा, हमने वकीलों की राय ली है। वोटिंग में मोबाइल फोन की मनाही नहीं है। बस आपका मोबाइल साइलेंट हो। आप उसका मुद्दा नहीं उठाएंगे।
इसके बाद वार्ड नंबर 56 से वोटिंग की प्रक्रिया शुरू हुई। लेकिन सदन में फिर जोरदार नारेबाजी होने लगी। बीजेपी के पार्षद वेल में आकर शुरूआत से ही वोटिंग कराने की मांग को लेकर नारेबाजी कर रहे हैं। पार्षदों ने हंगामे और नारेबाजी के बीच ही बैलेट पेपर फाड़ दिए। उसके बाद सदन की कार्रवाई को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
दिल्ली मेयर शैली ओबरॉय ने कहा कि उन्होंने सदन का सम्मान नहीं किया, उन्होंने फिर से लोकतंत्र का सम्मान नहीं किया। यह शर्मनाक है। हम कल भी शांतिपूर्ण चुनाव की उम्मीद कर रहे हैं। हम क्रॉस वोटिंग से नहीं डरते, दिल्ली के लोगों ने हमें जनादेश दिया है। वे(BJP) चुनाव हार गए हैं,इसलिए वे डरे हुए हैं।
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देर रात दिल्ली बीजेपी के प्रवक्ता प्रवीण शंकर कपूर ने कहा जिस तरह आम आदमी पार्टी ने महापौर चुनाव पहले फोन कर प्रयोग कर, फिर दर्शक दीर्घा से बोतलें फिकवा कर बाधित किया, उससे साफ है की आम आदमी पार्टी की मंशा ही नही थी स्थाई समिति सदस्यों का चुनाव कराने की। उसमें वो हार रहे हैं। आवश्यकता होगी तो भाजपा अब जनता के बीच तो जायेगी ही न्यायालय भी जा सकती है।
इससे पहले मेयर ने बुधवार को सभी से बैठने और सदन को शांति से चलने देने की गुजारिश की थीं। उसके बावजूद भी सदन में हंगामा नहीं रुका। जिसके बाद मेयर बैलेट बॉक्स की तरफ उठ कर गईं। इसके बाद मारपीट शुरू हो गई। सदन में कुर्सियां चलीं और जमकर नारेबाजी हुई। महिला पार्षदों के बीच लड़ाई होने लगी। सदन देखते ही देखते अखाड़े के रूप में बदल गया। सदन में मारपीट नारेबाजी हंगामा देखते हुए मेयर सदन छोड़कर चली गईं। बुधवार को देर रात तक सदन में हंगामा चलता रहा। गुरुवार को भी सदन की शुरूआत से ही हंगामा होने लगा और सदन को 1 घंटे के लिए स्थगित कर दिया गया।
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