
राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में एक बार फिर से प्रदूषण अपने खतरनाक स्तर पर पहुंच चुका है। आम लोगों का सांस लेना तक दूभर हो चुका है। लोग अपने घरों से मास्क लगाकर बाहर निकल रहे हैं।
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केंद्रीय प्रदूषण एवं नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, राजधानी दिल्ली में शुक्रवार सुबह 8:30 बजे तक औसतन वायु गुणवत्ता सूचकांक 434 अंक बना हुआ है, जबकि दिल्ली-एनसीआर के शहर फरीदाबाद में एक लेवल 255 गुरुग्राम में 348 गाजियाबाद में 336 ग्रेटर नोएडा में 276 और नोएडा में 342 अंक बना हुआ है।
दिल्ली के अधिकतर इलाकों में एएक्यूआई लेवल 400 से ऊपर और 500 के बीच में बना हुआ है। अलीपुर में 423, आनंद विहार में 456, अशोक विहार में 455, आया नगर में 425, बवाना में 465, बुराड़ी क्रॉसिंग में 439, मथुरा रोड में 450, डॉक्टर करणी सिंह शूटिंग रेंज में 445, डीटीयू में 412, द्वारका सेक्टर 8 में 457, आईटीओ में 456, जहांगीरपुरी में 440, जवाहरलाल नेहरू स्टेडियम में 422, मेजर ध्यानचंद स्टेडियम में 435, मुंडका में 466, नजफगढ़ में 439, नरेला में 429, नेहरू नगर में 456, नॉर्थ कैंपस डीयू में 470, ओखला फेस टू में 458, पटपड़गंज में 440, पंजाबी बाग में 435, आर के पूरा में 453, रोहिणी में 452, शादीपुर में 436, सोनिया विहार में 431, श्री अरविंदो मार्ग में 438, बिहार में 451, वजीरपुर में 461, का बना हुआ है।
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बता दें, अगर किसी क्षेत्र के एक्यूआई 0 से 50 के बीच रहता है, तो उसे अच्छी श्रेणी की हवा गुणवत्ता कहा जाता है। 51 से 100 के बीच संतोषजनक वायु गुणवत्ता माना जाता है। 101 और 200 की एक्यूआई श्रेणी को मध्यम श्रेणी का माना जाता है। अगर किसी जगह का एक्यूआई 201 से 300 के बीच हो तो उस क्षेत्र का एक्यूआई ‘खराब’ माना जाता है।
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