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जहांगीरपुरी मामले में VHP-बजरंग दल के खिलाफ FIR के बयान से पलटी दिल्ली पुलिस, मामूली पूछताछ के बाद छोड़ दिया नेता को

दिल्ली पुलिस ने जहांगीरपुरी हिंसा के मामले में वीएचपी और बजरंग दल के खिलाफ दर्ज एफआईआर पलट दी है। साथ ही वीएचपी के गिरफ्तार नेता को मामूली पूछताछ के बाद छोड़ दिया है।

फोटो : सोशल मीडिया
फोटो : सोशल मीडिया 

दिल्ली के जहांगीरपुरी में हुई सांप्रदायिक हिंसा में विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने के बाद दिल्ली पुलिस अपने इस बयान से पलट गई है कि इस घटना में इन दोनों संगठनों का हाथ था।

डेक्कन हेरल्ड की एक रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस ने आरएसएस से जुड़े संगठन विश्व हिंदू परिषद और बजरंग दल के खिलाफ बिना अनुमति शोभा यात्रा निकालने की एफआईआर दर्ज की थी। इसी शोभायात्रा के दौरान जहांगीरपुरी इलाके में सांप्रदायिक हिंसा भड़क उठी थी। लेकिन कुछ ही घंटों के अंदर दिल्ली पुलिस ने एफआईआर से इन दोनों दक्षिणपंथी संगठनों का नाम हटा दिया।

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न्यूज एजेंसी पीटीआई ने भी खबर दी थी कि दिल्ली पुलिस ने एफआईआर दर्ज करने के बाद जहांगीरपुरी मामले में वीएचपी नेता प्रेम शर्मा को गिरफ्तार किया था। लेकिन कुछ ही देर बाद शर्मा को मामूली पूछताछ के बाद छोड़ दिया गया।

इस बारे में सवाल पूछने पर पुलिस का जवाब है कि आईपीसी की धारा 188 के तहत दर्ज मामला एक जमानती अपराध है और जो शख्स जांच में शामिल होता है उसे गिरफ्तार करना जरूरी नहीं है। बताया जाता है कि प्रेम शर्मा से पूछताछ के बाद वीएचपी ने दिल्ली पुलिस के खिलाफ आंदोलन की चेतावनी दी थी।

वीएचपी के राष्ट्रीय प्रवक्ता विनोद बंसल ने पीटीआई को बताया कि, “अगर पुलिस ने हमारे संगठन या हमारे कार्यकर्ताओं के खिलाफ कोई झूठा मुकदमा दर्ज करने की कोशिश की तो हम इसके खिलाफ संघर्ष शुरु करेंगे।” बंसल ने पुलिस के बयान को गलत बताते हुए कहा था, “लगता है दिल्ली पुलिस जिहादियों के आगे झुक गई है।” उन्होंने कहा था कि पुलिस ने वीएचपी और बजरंग दल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर बहुत बड़ी गलती की है।

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गौरतलब है कि 16 अप्रैल को वीएचपी और बजरंग दल ने हनुमान जयंती के मौके पर दिल्ली के जहांगीरपुरी इलाके में शोभायात्रा निकाली थी जिसके बाद हिंसा भड़क उठी थी। स्थानीय लोगों का कहना है कि जो लोग इस शोभायात्रा में शामिल हुए थे उनके पास हथियार थे और उन्होंने तलवारें लहराते हुए भड़काऊ भाषण दिए थे। सोशल मीडिया पर इस किस्म के कई वीडियो भी वायरल हो रहे हैं।

हालात को नियंत्रण में करने और शांति स्थापित करने की कोशिश में पुलिस ने दोनों समुदायों से बातचीत की और स्थानीय स्तर पर अमन कमेटियां गठित की हैं।

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