राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में डेंगू के मामले तमाम कोशिशों के बावजूद कम होने का नाम नहीं ले रहे हैं। रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष डेंगू के 1006 मामले सामने आए हैं। इनमें से 280 से अधिक नए मामले पिछले एक हफ्ते में आए। हालांकि बीते हफ्ते में डेंगू से कोई मृत्यु दर्ज नहीं की गई।
नगर निगम की सोमवार को जारी एक रिपोर्ट में सामने आया है कि, अक्टूबर महीने में ही अकेले 665 डेंगू के मामले सामने आए, तो वहीं इस वर्ष डेंगू से पहली मौत 18 अक्टूबर को हुई थी।
यदि हम पिछले कुछ वर्षों में बात करें तो 2016 और 2017 में डेंगू के कारण 10-10 मौतें हुई थीं। वहीं 2018, 2019 और 2020 में 4, 2 और 1 मौत हुई और इस वर्ष अब तक एक मृत्यु दर्ज हुई है।
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इसके अलावा इस वर्ष अब तक मलेरिया के 154 केस और चिकनगुनिया के 73 मामले सामने आए हैं।
रिपोर्ट एक अनुसार, दक्षिणी निगम में अब तक कुल 300 मामले सामने आए हैं, वहीं उत्तरी निगम क्षेत्र में 237 और पूर्वी निगम क्षेत्र में 122 मामले दर्ज किए गए हैं।
हालांकि नई दिल्ली नगर पालिका परिषद (एनडीएमसी) क्षेत्र में 27, दिल्ली कैंट में 13 मरीज तो वहीं 303 मरीजों के पते की पुष्टि नहीं हो सकी है।
दरअसल गर्मी और बारिश के मौसम में डेंगू, मलेरिया ज्यादा फैलता है। डेंगू से संक्रमित होने पर प्लेटलेट्स की संख्या कम होने लगती है। डेंगू बुखार आने पर सिर, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द होने लगता है, वहीं आंखों में दर्द, कमजोरी, भूख न लगना, गले में दर्द भी होता है।
दरअसल डेंगू के मच्छर साफ और स्थिर पानी में पैदा होते हैं, जबकि मलेरिया के मच्छर गंदे पानी में भी पनपते हैं। डेंगू व चिकनगुनिया के मच्छर ज्यादा दूर तक नहीं जा पाते हैं।
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