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संविधान पर चर्चा: प्रियंका गांधी बोलीं, न्याय-एकता, अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है संविधान, इसे तोड़ने का किया प्रयास

प्रियंका गांधी ने कहा कि हमने अपने संविधान की ज्योति को जलते हुए देखा है और यह भी समझा है कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है। एक ऐसा सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है, न्याय का कवच है, एकता का कवच है अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।

फोटो: सोशल मीडिया
फोटो: सोशल मीडिया 

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को सरकार पर तीखा प्रहार किया और दावा किया कि यदि लोकसभा चुनाव के नतीजे इस तरह नहीं आते तो यह सरकार संविधान बदलने का काम करती।

उन्होंने लोकसभा में ‘भारत के संविधान की 75 वर्षों की गौरवशाली यात्रा’ पर चर्चा में भाग लेते हुए आरोप लगाया कि ‘एक व्यक्ति’ को बचाने के लिए देश की जनता को नकारा जा रहा है।वायनाड से लोकसभा सदस्य निर्वाचित होने के बाद सदन में उनका यह पहला भाषण था।

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उन्होंने कहा, ‘‘हमारा संविधान लोगों के लिए सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है। यह न्याय, एकता, और अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है।’’ उन्होंने कहा कि ‘लेटरल एंट्री’ के जरिये आरक्षण को कमजोर किया जा रहा है।

प्रियंका गांधी ने लोकसभा चुनाव के नतीजों का उल्लेख करते हुए कहा, ‘‘अगर लोकसभा में ये नतीजे नहीं आए होते तो ये (सत्तारूढ़ दल) संविधान बदलने का काम करते।’’ उन्होंने कहा, ‘‘लोकसभा चुनाव में इन्हें (बीजेपी) हारते-हारते जीतने से एहसास हुआ कि इस देश में संविधान बदलने की बात नहीं चलेगी।’’

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उन्होंने कहा कि हमारे देश के करोड़ों देशवासियों के संघर्ष में, अपने अधिकारों की पहचान में, कठिन से कठिन हालातों से लड़ने के आपार हिम्मत में और देश से न्याय की अपेक्षा में हमारे संविधान की ज्योति जल रही है। हमने अपने संविधान की ज्योति को जलते हुए देखा है और यह भी समझा है कि हमारा संविधान एक सुरक्षा कवच है। एक ऐसा सुरक्षा कवच है जो देशवासियों को सुरक्षित रखता है, न्याय का कवच है, एकता का कवच है अभिव्यक्ति की आजादी का कवच है। दुख की बात यह है कि मेरे सत्ता पक्ष के साथी जो बहुत बड़ी-बड़ी बातें करते हैं। इन्होंने इन 10 सालों में यह सुरक्षा कवच तोड़ने का पूरा प्रयास किया है।

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