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अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, जनता बेहाल, देश को नई सोच और कारोबार के लिए ‘न्यू डील’ की जरूरतः राहुल गांधी

एक दिन पहले रविवार को भी राहुल गांधी ने जीडीपी वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने पर चिंता जताते हुए कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था तब तक प्रगति नहीं कर सकती, जब तक मुट्ठीभर अरबपतियों को इसका लाभ मिलता रहेगा।

अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, जनता बेहाल, देश को नई सोच और कारोबार के लिए ‘न्यू डील’ की जरूरतः राहुल गांधी
अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, जनता बेहाल, देश को नई सोच और कारोबार के लिए ‘न्यू डील’ की जरूरतः राहुल गांधी फोटोः सोशल मीडिया

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि दर में गिरावट का हवाला देते हुए सोमवार को आरोप लगाया कि अर्थव्यवस्था का बुरा हाल है और जनता बेहाल है। साथ ही उन्होंने कहा कि बिना वक्त गंवाए एक नई सोच और कारोबार के लिए ‘न्यू डील’ की जरूरत है।

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आधिकारिक आंकड़ों के मुताबिक, चालू वित्त वर्ष की जुलाई-सितंबर तिमाही में जीडीपी की वृद्धि दर 5.4 प्रतिशत रही जो करीब दो साल में सबसे निचला स्तर है। इसी को लेकर राहुल गांधी ने सोमवार को अपने व्हाट्सएप चैनल पर पोस्ट में कहा, ‘‘अर्थव्यवस्था का बुरा हाल, जनता का हाल बेहाल। इस स्थिति में सुधार के लिए बिना समय गंवाए एक नयी सोच और कारोबारों के लिए नयी ‘डील’ की जरूरत है।’’

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यहां बता दें कि वर्ष 1933 से 1938 के बीच आर्थिक महामंदी से उबरने के लिए अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति रूजवेल्ट ने ‘‘न्यू डील’’ नामक कार्य-योजना की घोषणा की थी जिसके अंतर्गत कई सामाजिक उदारवादी नीतियों को अमल में लाया गया। ‘‘न्यू डील’’ का असर उसके बाद के अमेरिका के निरंतर विकास में देखा जा सकता है।

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इससे एक दिन पहले भी राहुल गांधी ने जीडीपी वृद्धि दर के दो साल के निचले स्तर पर पहुंचने पर चिंता जताते हुए कहा था कि देश की अर्थव्यवस्था तब तक प्रगति नहीं कर सकती, जब तक मुट्ठीभर अरबपतियों को इसका लाभ मिलता रहेगा। उन्होंने कहा कि भारत की अर्थव्यवस्था के लिए नई सोच की जरूरत है और व्यवसायों के लिए एक न्यू डील इसका अहम हिस्सा होना चाहिए। उन्होंने कहा कि सबको समान रूप से आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा, तभी हमारी अर्थव्यवस्था का पहिया आगे बढ़ेगा।

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