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अर्थतंत्र की खबरें: अमेरिका जापानी वाहन निर्माताओं पर टैरिफ लगाना करेगा शुरू और इंश्योरेंस कंपनियों पर सख्त सरकार

अमेरिका जापानी ऑटोमोबाइल और उसके पुर्जों पर टैरिफ को मौजूदा 27.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने पर सहमत हो गया है, जिसमें मौजूदा 2.5 प्रतिशत टैरिफ और वैश्विक क्षेत्र-विशिष्ट शुल्क 25 प्रतिशत शामिल हैं।

फोटो: IANS
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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का प्रशासन द्विपक्षीय व्यापार समझौते के अनुरूप इस सप्ताह जापानी ऑटोमोबाइल पर 15 प्रतिशत टैरिफ लागू करना शुरू कर देगा।

योनहाप समाचार एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, वाणिज्य विभाग के अंतर्गत अंतर्राष्ट्रीय व्यापार प्रशासन ने संघीय रजिस्टर पर प्रकाशित एक नोटिस में कहा, ''टैरिफ दर मंगलवार से लागू होगी। यह ट्रंप द्वारा इस महीने की शुरुआत में जापान के साथ समझौते को आधिकारिक रूप से लागू करने के लिए एक कार्यकारी आदेश पर हस्ताक्षर करने के बाद उठाया गया है।''

इस समझौते के तहत, संयुक्त राज्य अमेरिका जापानी ऑटोमोबाइल और उसके पुर्जों पर टैरिफ को मौजूदा 27.5 प्रतिशत से घटाकर 15 प्रतिशत करने पर सहमत हो गया है, जिसमें मौजूदा 2.5 प्रतिशत टैरिफ और वैश्विक क्षेत्र-विशिष्ट शुल्क 25 प्रतिशत शामिल हैं।

वर्तमान में दक्षिण कोरियाई वाहन 25 प्रतिशत के टैरिफ के अधीन हैं, जिसे ट्रंप प्रशासन ने 1962 के व्यापार विस्तार अधिनियम की धारा 232 के तहत लागू किया है। यह एक ऐसा कानून है, जो राष्ट्रपति को आयातों को समायोजित करने का अधिकार देता है, जब उन्हें लगता है कि वे राष्ट्रीय सुरक्षा को नुकसान पहुंचा सकते हैं।

अमेरिका ने जुलाई में हुए एक द्विपक्षीय व्यापार समझौते के तहत दक्षिण कोरियाई वाहनों पर टैरिफ को घटाकर 15 प्रतिशत करने पर भी सहमति व्यक्त की है, लेकिन इसकी बारीकियों पर बातचीत के बीच यह अनिश्चित है कि यह समझौता कब लागू होगा।

सोमवार को अमेरिका पहुंचने पर, कोरिया के व्यापार मंत्री येओ हान-कू ने सियोल के निरंतर प्रयासों पर जोर दिया ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोरियाई कारों के लिए भी ऑटो टैरिफ में कमी 'जितनी जल्दी हो सके' लागू की जा सके।

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इंश्योरेंस कंपनियों पर सख्त केंद्र सरकार

केंद्र सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों पर सख्ती दिखाते हुए,उन्हें जीएसटी का फायदा ग्राहकों को पास करने का निर्देश दिया है। सरकार ने इंश्योरेंस कंपनियों को निर्देश देते हुए कहा कि वे जीएसटी सुधारों का प्रचार करने और पॉलिसीधारकों तक लाभ पहुंचाने के लिए सक्रिय रूप से अभियान चलाएं।

वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले वित्तीय सेवा विभाग के सचिव एम. नागराजू ने सरकारी और निजी क्षेत्र की इंश्योरेंस कंपनियों के शीर्ष अधिकारियों से बैठक की।

बैठक में सचिव ने जीएसटी सुधार के सकारात्मक प्रभावों के बारे में बताया। साथ ही कहा कि इससे आम आदमी के लिए इंश्योरेंस लेना किफायती हो जाएगा और पहुंच में सुधार होगा।

वित्त मंत्रालय के बयान के अनुसार, इस कदम से इंश्योरेंस को अधिक सुलभ और लागत प्रभावी बनाने, वित्तीय सुरक्षा को मजबूत करने और देश भर में इंश्योरेंस की पहुंच बढ़ाने की उम्मीद है। यह बैठक जीएसटी परिषद द्वारा अपनी 56वीं बैठक में अनुमोदित सभी हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पॉलिसियों पर जीएसटी से छूट के अनुसरण में आयोजित की गई थी।

बैठक के दौरान, सचिव ने यह सुनिश्चित करने के महत्व पर जोर दिया कि कर में कटौती का लाभ मौजूदा और संभावित पॉलिसीधारकों, दोनों को पूरी तरह से मिले। हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस को अब शून्य कर श्रेणी में डाल दिया गया है। पहले इन पर 18 प्रतिशत जीएसटी लगता था, रेटिंग एजेंसी आईसीआरए की एक रिपोर्ट के अनुसार, पॉलिसीधारकों को कम प्रीमियम का लाभ मिलेगा।

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एआई अपनाने में सबसे आगे भारतीय

भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (एआई) अपनाने में अग्रणी बनकर उभरा है। मंगलवार को आई एक रिपोर्ट के अनुसार, इस वर्ष महानगरों के आधे से ज्यादा वयस्क सक्रिय रूप से जेनरेटिव एआई का इस्तेमाल कर रहे हैं।

फॉरेस्टर द्वारा संकलित आंकड़ों से पता चलता है कि शहरों में रहने वाले 56 प्रतिशत भारतीय 2025 में जेनरेटिव एआई टूल्स का इस्तेमाल कर रहे हैं, जो 2024 के 44 प्रतिशत से अधिक है, जिससे भारत इस क्षेत्र में अग्रणी बन गया है।

रिपोर्ट दर्शाती है कि भारतीय कंज्यूमर्स न केवल एआई को तेजी से अपना रहे हैं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एआई को लेकर उनके ज्ञान का स्तर भी सबसे अधिक है।

लगभग 63 प्रतिशत भारतीय वयस्कों का कहना है कि वे एआई को बेहतर तरीके से समझते हैं, जबकि ऑस्ट्रेलिया में यही आंकड़ा केवल 18 प्रतिशत और सिंगापुर में 26 प्रतिशत है। केवल 5 प्रतिशत भारतीयों ने कहा कि वे एआई को नहीं समझते, जो दुनिया भर में सबसे कम प्रतिशत है।

अलग-अलग उम्र के समूहों में मिलेनियल्स को एआई को लेकर सबसे अधिक जानकारी है, जिसमें लगभग 69 प्रतिशत लोगों को एआई की गहरी समझ है।

हालांकि, रिसर्च में एक विश्वास विरोधाभास भी सामने आया है। जहां 45 प्रतिशत भारतीय एआई को समाज के लिए एक गंभीर खतरा मानते हैं, वहीं एआई को लेकर जानकारी रखने वाले करीब 66 प्रतिशत लोग मानते हैं कि एआई से मिलने वाली जानकारी पर भरोसा किया जा सकता है।

यह दर्शाता है कि एआई के बारे में अधिक जागरूकता किस प्रकार सावधानी और आत्मविश्वास दोनों लाती है।

उदाहरण के लिए, 64 प्रतिशत भारतीय कंज्यूमर एआई-पावर्ड लैंग्वेज ट्रांसलेशन सर्विस पर भरोसा करते हैं, जो कि ऑस्ट्रेलिया के 27 प्रतिशत और सिंगापुर के 38 प्रतिशत की तुलना में अधिक है।

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वैश्विक अनिश्चितता का असर, सोना की कीमत 1.10 लाख रुपए के पार

सोने की कीमतें मंगलवार को रिकॉर्ड 1,10,000 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार निकल गई हैं। इसकी वजह वैश्विक अनिश्चितता के साथ अमेरिकी फेड की ओर से ब्याज दरों में कटौती की संभावना को माना जा रहा है।

मल्टी कमोडिटी एक्सचेंज (एमसीएक्स) पर सोने का दाम बढ़कर 1,10,180 रुपए प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है।

वर्ल्ड गोल्ड काउंसिल के डेटा के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय बाजार में सोने की कीमत 3,679 डॉलर प्रति औंस पर पहुंच गई है, जो कि पहले 3,685 डॉलर प्रति औंस पर थी।

बाजार के जानकारों के मुताबिक, अमेरिकी फेड की बैठक, जिसके नतीजों की घोषणा 17 सितंबर को होगी, में ब्याज दरों को घटाया जा सकता है। इसके साथ ही डॉलर भी कमजोर हो रहा है। इससे वैश्विक स्तर पर सोने और चांदी की कीमतों को सपोर्ट मिल रहा है।

देश के ज्यादातर घरेलू बाजारों में 24 कैरेट सोने की कीमत 1.10 लाख रुपए प्रति 10 ग्राम के पार बनी हुई है।

24 कैरेट सोने की कीमत दिल्ली में 1,10,260 रुपए प्रति 10 ग्राम, मुंबई में 1,10,450 रुपए प्रति 10 ग्राम, कोलकाता में 1,10,310 रुपए प्रति 10 ग्राम और चेन्नई में 1,10,770 रुपए प्रति 10 ग्राम है।

चांदी की कीमतों में भी तेजी बनी हुई है। एमसीएक्स पर चांदी की कीमत 1,29,600 रुपए प्रति किलो पर पहुंच गई है।

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अमेरिका-भारत के बीच ट्रेड वार्ता शुरू होने से शेयर बाजार हरे निशान में बंद हुआ

भारतीय शेयर बाजार मंगलवार के कारोबारी सत्र में हरे निशान में बंद हुआ। बाजार के ज्यादातर सूचकांकों में बढ़त देखी गई। दिन के अंत में सेंसेक्स 594.95 अंक या 0.73 प्रतिशत की मजबूती के साथ 82,380.69 और निफ्टी 169.90 अंक या 0.68 प्रतिशत की तेजी के साथ 25,239.10 पर था।

लार्जकैप के साथ मिडकैप और स्मॉलकैप शेयरों में तेजी का रुझान देखा गया। निफ्टी मिडकैप 100 इंडेक्स 313.45 अंक या 0.54 प्रतिशत की तेजी के साथ 58,799.55 और निफ्टी स्मॉलकैप 100 इंडेक्स 171.35 अंक या 0.95 प्रतिशत की मजबूती के साथ 18,298.35 पर था।

बाजार की तेजी का नेतृत्व ऑटो शेयरों ने दिया। निफ्टी ऑटो इंडेक्स 1.44 प्रतिशत की बढ़त के साथ बंद हुआ। निफ्टी रियल्टी (1.07 प्रतिशत), निफ्टी आईटी (0.86 प्रतिशत), निफ्टी एनर्जी (0.89 प्रतिशत) और निफ्टी इन्फ्रा (1.02 प्रतिशत) की तेजी का साथ बंद हुआ।

सेंसेक्स पैक में कोटक महिंद्रा बैंक, एलएंडटी, एमएंडएम, मारुति सुजुकी, भारती एयरटेल, टाटा स्टील, एक्सिस बैंक, अल्ट्राटेक सीमेंट, इटरनल (जोमैटो), एचसीएल टेक, एनटीपीसी, बीईएल, टीसीएस, अदाणी पोर्ट्स और एसबीआई टॉप गेनर्स थे। बजाज फाइनेंस और एशियन पेंट्स लूजर्स थे।

बाजार के जानकारों ने कहा कि सकारात्मक वैश्विक संकेतों के साथ अमेरिकी फेड द्वारा ब्याज दरों में 25 आधार अंक की कटौती की उम्मीद ने बाजार की रिकवरी में मदद की। वहीं, भारत-अमेरिका के बीच ट्रेड वार्ता शुरू होने का निवेशकों की धारण पर सकारात्मक असर हुआ है। जीएसटी सुधारों के कारण ऑटो और कंज्यूमर सेक्टर ने रिकवरी को लीड किया।

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