बिहार में राज्य सरकार की निविदा में कथित अनियमितताओं के संबंध में ‘‘ठेकेदार-नौकरशाह गठजोड़’’ से जुड़े धन शोधन मामले की जांच के सिलसिले में प्रवर्तन निदेशालय ने कई राज्यों में छापेमारी की।
संघीय जांच एजेंसी ने एक बयान में कहा कि धन शोधन निवारण अधिनियम (पीएमएलए) के तहत पटना स्थित ठेकेदार रिशु श्री से जुड़े मामले में बृहस्पतिवार को पटना और मुजफ्फरपुर (बिहार), सूरत (गुजरात) और पानीपत (हरियाणा) में नौ स्थानों पर छापेमारी की गई।
इसमें कहा गया कि ठेकेदार से ‘‘जुड़े’’ कुछ लोगों और ट्रैवल एजेंटों के खिलाफ की गई छापेमारी के दौरान ‘‘अपराध से जुड़े’’ कई सबूत और दस्तावेज जब्त किए गए।
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धन शोधन का मामला बिहार सरकार की विशेष सतर्कता इकाई (सीवीयू) द्वारा रिशु श्री और अन्य के खिलाफ दर्ज की गई प्राथमिकी से संबद्ध है।
ठेकेदार की कंपनियां बिहार सरकार के विभिन्न विभागों जैसे जल संसाधन, स्वास्थ्य, जन स्वास्थ्य अभियांत्रिकी, शहरी विकास, बिहार शहरी आधारभूत संरचना विकास निगम, शिक्षा, भवन एवं निर्माण और ग्रामीण कार्य विभाग में अनुबंध और उप-अनुबंध हासिल करती हैं।
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ईडी ने कहा कि ऐसा आरोप है कि ठेकेदार ने ‘‘अवैध’’ व्यक्तिगत लाभ के खातिर निविदाओं को सुविधाजनक बनाने के लिए विभिन्न सरकारी अधिकारियों के साथ ‘‘सांठगांठ’’ की।
एजेंसी ने मार्च में इस मामले में कुछ सरकारी अधिकारियों के खिलाफ इसी तरह की छापेमारी की थी और 11.64 करोड़ रुपये जब्त किए थे।
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