कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसान कड़ाके की ठंढ में भी दिल्ली के बॉर्डर पर डटे हुए हैं। दिल्ली-नोएडा के बीच मयुर विहार के पास भी किसान जमे हुए हैं। केंद्र सरकार के साथ कल पांचवें दौर की वार्ता होगी, जिस पर सभी की निगाहें टिकी हुई हैं।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन के नौवें दिन किसानों ने ऐलान किया है कि 8 दिसंबर को भारत बंद किया जाएगा। किसानों चेतावनी दी है कि इसी दिन पूरी दिल्ली को घेरा जाएगा और आने वाले दिल्ली की बची हुई सड़कों को भी ब्लॉक किया जाएगा। शनिवार को सरकार के साथ होने वाली वार्ता से पहले हुई किसानों की आपसी बैठक के बाद किसान नेता हरविंदर सिंह लखवाल ने यह जानकारी दी। ध्यान रहे कि किसान संगठन पहले ही कह चुके हैं कि 5 दिसंबर यानी शनिवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के पुतले जलाए जाएंगे।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का आंदोलन का नेतृत्व कर रहे किसान नेता राकेश टिकैत ने कहा कि तीनों कृषि कानूनों के विरोध में 8 दिसंबर को एक दिवसीय भारत बंद का आह्वान किया गया है। साथ ही उन्होंने कहा कि कल, हम सरकार द्वारा बुलाई गई बैठक में भाग लेंगे।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
सिंघू बॉर्डर पर भारतीय किसान यूनियन-लोखोवाल के महासचिव एचएस लोखोवाल ने कहा कि कल, हमने सरकार से कहा था कि कृषि कानूनों को वापस लिया जाना चाहिए। 5 दिसंबर को देश भर में पीएम मोदी के पुतले जलाए जाएंगे। हमने 8 दिसंबर को भारत बंद का आह्वान किया है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
किसान आंदोलन के देखते हुए गुरुग्राम से दिल्ली में प्रवेश करने वाले वाहनों की पुलिस जांच कर रही है। ऐसे में सरहोल बॉर्डर पर लंबा ट्रैफिक जाम लग गया है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
किसानों के प्रदर्शन के खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में एक याचिका दाखिल की गई है। याचिका में इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि किसान कोरोना के प्रसार का खतरा बन सकते हैं, दिल्ली-एनसीआर के सीमा क्षेत्रों से आंदोलनरत किसानों को तत्काल हटाने के लिए निर्देश देने की मांग की गई है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ आंदोलन कर रहे किसानों को खालिस्तानी कहकर अपमानित किए जाने पर हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने नाराजगी जताई है। उन्होंने कहा कि किसानों का अपमान किया जा रहा है। उन्हें 'खालिस्तानी' और 'कांग्रेसी' कहा जा रहा है। किसान सिर्फ किसान हैं। वे धर्म, जाति और क्षेत्र से ऊपर उठकर अपनी जायज मांगों के लिए इस ठंड में यहां आए हैं।
कांग्रेस नेता भूपिंदर सिंह हुड्डा ने आगे कहा कि हरियाणा सरकार बुरी स्थिति में है क्योंकि उन्होंने सबसे बड़ी गलती की है। अगर उन्होंने किसानों को रोका या पानी के तोपों का इस्तेमाल नहीं किया होता या आंसू गैस के गोले नहीं छोड़े होते, तो उन्हें समस्या नहीं होती। राष्ट्रीय राजधानी में दूसरों को आने से कौन रोक सकता है? हरियाणा सरकार ने जो किया वह निंदनीय है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
नए कृषि कानूनों के खिलाफ जारी किसानों के आंदोलन को देश के अलग-अलग हिस्सों में समर्थन मिल रहा है। किसानों को समर्थन देते हुए हरियाणा के करनाल में एक दूल्हे ने अपनी लग्जरी कार छोड़कर ट्रैक्टर पर अपनी बारात निकाली। दूल्हे ने कहा कि भले ही हम शहरों में जा रहे हैं, लेकिन हमारी जड़ें खेती हैं। किसान प्राथमिकता होने चाहिए। हम यह संदेश देना चाहते हैं कि किसानों को जनता का समर्थन हासिल है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
हरियाणा के पलवल जिले के गांव पृथला के सरकारी स्कूल में बैठक के बाद किसान दिल्ली के लिए निकल पड़े हैं। बताया जा रहा है कि करीब 2 घंटे तक यह बैठक चली। बैटख के बाद किसानों का जत्था दिल्ली की ओर रवाना हो गया।
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किसान आंदोलन के समर्थन में गुरुग्राम जिले के मजदूर और कर्मचारी संगठन भी धीरे-धीरे सड़कों पर उतर रहे हैं। ट्रेड यूनियन काउंसिल के बैनर तले आधा दर्जन कर्मचारी संगठनों ने लघु सचिवालय पर धरना प्रदर्शन किया। प्रदर्शन कारियों ने कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग की और किसानों का दमन करने पर सरकार के खिलाफ नारेबाजी की।
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तृणमूल कांग्रेस के सांसद डेरेक ओ ब्रायन ने सिंघु बॉर्डर पहुंचकर कृषि कानूनों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों से मुलाकात की। इसके साथ ही पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने भी किसानों से फोन पर बात की और उनका समर्थन किया।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
राजस्थान के सीएम अशोक गहलोत ने कहा, “किसानों की बात केंद्र सरकार ने नहीं सुनी, जिसके कारण आज किसान पूरे देश में आंदोलन कर रहे हैं। लोकतंत्र के अंदर संवाद सरकार के साथ इस प्रकार कायम रहते तो यह चक्काजाम के हालात नहीं बनते और आम जन को तकलीफ का सामना नहीं करना पड़ता।”
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
कृषि कानून के खिलाफ दिल्ली की सीमाओं पर किसानों का आंदोलन जारी है। किसानों और केंद्र सरकार के बीच अब शनिवार को 5वें दौर की बातचीत होगी। कल चौथे दौर की वार्ता से भी कोई नतीजा नहीं निकला।
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किसान आंदोलन से धीरे-धीरे लोगों की मुश्किलें बढ़ रही हैं। नोएडा के डीएनडी बॉर्डर पर कई किलोमीटर लंबा जाम लग गया है। सैकड़ों की संख्या में वाहनों की कतारें देखने को मिल रही हैं। नोएडा से दिल्ली जाने वाले रास्ते पर 4 किलोमीटर से ज्यादा लंबा जाम लगा गया है। आम लोगों को दिल्ली जाने में परेशानी हो रही है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
सिंघु बॉर्डर पर कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शनकारी किसान डटे हुए हैं। एक किसान प्रदर्शनकारी ने कहा, “इन कानूनों को रद्द करने के लिए सभी राज्यों के किसान संगठनों को बुलाया जाए, प्रधानमंत्री खुद मीटिंग लें और कानूनों को रद्द करने का निर्णय लें।”
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने कहा, “किसान आंदोलन के चलते एनएच -24 पर गाजीपुर बॉर्डर (उत्तर प्रदेश-दिल्ली बॉर्डर) गाजियाबाद से दिल्ली के लिए ट्रैफिक के लिए बंद है। लोगों को सलाह दी जाती है कि वे दिल्ली आने के लिए NH-24 से बचें और अप्सरा, भोपड़ा, DND का इस्तेमाल करें।”
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
किसान आंदोलन के बीच दिल्ली और हरियाणा को जोड़ने वाले टिकरी बॉर्डर के बंद होने से लोगों की मुश्किलें बढ़ गई हैं। यहां लंबा ट्रैफिक जाम लगा गया है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
किसानों के समर्थन में पंजाब में अवॉर्ड वापस करने का सिलसिला जारी है। भारतीय साहित्य अकादमी अवॉर्ड के विजेता सिरमौर शिरे डॉ. मोहनजीत, जसविंदर सिंह, पंजाबी ट्रिब्यून के एडिटर स्वराजबीर ने अवॉर्ड्स को वापस लौटा दिया है। सेंट्रल पंजाबी लेखक एसोसिएशन के अनुसार, किसान आंदोलन के समर्थन में यह अवॉर्ड लौटाए गए हैं। गुरुवार को पांजाब के पूर्व सीएम प्रकाश सिंह बादल ने अपना पद्म विभूषण लौटा दिया था।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
किसान आंदोलन की वजह से बॉर्डर बंद होने से उत्तर प्रदेश से दिल्ली आ रहे लोगों को काफी परेशानी हो रही है। गाजियाबाद में एक यात्री ने बताया, "मैं बुलंदशहर से आया हूं, मुझे बच्ची का ऑपरेशन कराने एम्स जाना था। मुझे यहां फंसे हुए एक-डेढ़ घंटा हो गया है।"
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कृषि कानूनों के खिलाफ नोएडा के राष्ट्रीय दलित प्रेरणा स्थल में किसानों का विरोध प्रदर्शन जारी है। बिजनौर से एक प्रदर्शनकारी ने कहा, "हम पंजाब के किसानों के समर्थन में आए हैं, जब तक कानून वापस नहीं होते हम नहीं जाएंगे।"
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
कृषि कानूनों के खिलाफ सिंघु बॉर्डर पर हो रहे किसानों के विरोध प्रदर्शन को देखते हुए बॉर्डर पर बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई है।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
सिंघु बॉर्डर पर सुबह 11:00 बजे किसान नेताओं की बैठक होगी। इस बैठक में किसान आगे की रणनीति तय करेंगे। इस बैठक में बाकी किसान नेताओं और किसानों को बताया जाएगा कि कल की बैठक सरकार ने उनके सामने क्या बातें रखीं। 5 दिसंबर को फिर सरकार के साथ किसानों की फिर एक बैठक होगी।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
कृषि कानूनों और एमएसपी पर कल सरकार के साथ हुई बैठक में बात नहीं बनने के बाद किसानों का आंदोलन आज भी जारी है। किसान दिल्ली की सीमाओं पर डटे हुए हैं। आज बैठक कर किसान आगे की रणनीति तैयार करेंगे।
Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST
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Published: 04 Dec 2020, 8:36 AM IST