कोरोना वायरस से लड़ाई के लिए राजधानी दिल्ली में एक प्लाज्मा बैंक स्थापित किया गया है। यह बैंक किसी सामान्य ब्लड बैंक की ही तरह काम करेगा। आवश्यकता पड़ने पर अस्पताल कोरोना रोगी की प्लाज्मा थेरेपी के लिए यहां से प्लाज्मा हासिल कर सकेंगे। दिल्ली सरकार ने यह प्लाज्मा बैंक आईएलबीएस अस्पताल में स्थापित करने का फैसला लिया है।
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इसके बारे में जानकारी देते हुए कहा, 'यह देश भर में पहला प्लाज्मा बैंक है। प्लाज्मा डोनेट करने के इच्छुक व्यक्ति 1031 नंबर पर फोन करके अपनी जानकारी दे सकते हैं। इसके अलावा 8800007722 पर व्हाट्सएप करके भी प्लाज्मा डोनेट करने के इच्छुक व्यक्ति अपना पंजीकरण करा सकते हैं।'
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सीएम केजरीवाल ने बताया कि इस बैंक से केवल उपचार कर रहे डॉक्टर के कहने पर ही संबंधित अस्पताल को प्लाज्मा दिया जाएगा। प्लाज्मा बैंक से व्यक्तिगत तौर पर प्लाज्मा नहीं मिलेगा। उन्होंने कहा कि आईएलबीएस अस्पताल में कोरोना का इलाज नहीं होता, इसलिए यहां से किसी को कोरोना संक्रमण होने का खतरा नहीं है। इसके साथ ही प्लाज्मा दान करने वाले व्यक्तियों को लाने और ले जाने के लिए टैक्सी का प्रबंध भी दिल्ली सरकार द्वारा किया जाएगा।
मुख्यमंत्री और दिल्ली सरकार ने ऐसे सभी लोगों से सामने आकर रक्तदान करने की अपील की है जो कोरोना से ठीक हो चुके हैं। केजरीवाल ने कोरोना से स्वस्थ हो चुके व्यक्तियों से अपील करते हुए कहा, “मेरी हाथ जोड़कर प्रार्थना है कि आप सब लोग सामने आकर प्लाज्मा डोनेट करें, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके। किसी की जान बचाने का अवसर बड़ी मुश्किल से मिलता है। आप लोगों के पास यह अवसर है इसलिए सामने आकर लोगों की जान बचाएं।”
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प्लाज्मा डोनेट करने की कुछ शर्तें भी विशेषज्ञ डॉक्टर द्वारा तय की गई हैं। इनके मुताबिक प्लाज्मा वही डोनेट कर सकता है , जिसे कोरोना हुआ हो और अब वह ठीक हो गया हो। इसमें भी कोरोना ठीक हुए कम से कम 14 दिन हो गए हों। प्लाज्मा डोनेट करने वाले की उम्र 18 से 60 वर्ष के बीच होनी चाहिए। प्लाज्मा डोनेट करने वाले व्यक्ति का वजन कम से कम 50 किलो होना चाहिए। ऐसी महिलाएं जो जीवन में कभी भी प्रेग्नेंट हुई हैं, वे प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकतीं। इसके अलावा शुगर, हाइपरटेंशन और 140 से ऊपर ब्लड प्रेशर मरीज, कैंसर से ठीक हुए रोगी, किडनी, फेफड़े और हृदय रोगी भी प्लाज्मा डोनेट नहीं कर सकते।
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दरअसल कोरोना संक्रमण से ठीक हो चुके लोगों का प्लाज्मा कोरोना वायरस के खिलाफ अचूक हथियार के रूप में सामने आया है। कोरोना को हरा चुके व्यक्तियों द्वारा किए गए रक्तदान से ही कोरोना से लड़ने वाला प्लाज्मा प्राप्त होता है। हाल ही में जब दिल्ली के स्वास्थ्य मंत्री सत्येंद्र जौन को कोरोना हुआ और उनकी हालत बिगड़ने लगी तो उन्हें भी प्लाजमा थेरेपी दी गई, जिसके बाद उनकी हालत में तेजी से सुधार हुआ और फिर वह ठीक हो गए। ऐसे में कोरोना से ठीक हो चुके लोग ही अब कोरोना के खिलाफ सबसे बड़ा हथियार हैं। इसी बात को देखते हुए दिल्ली सरकार ने प्लाजमा बैंक स्थापित किया है।
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