बिहार के 13 जिलों में आई बाढ़ से लोगों की परेशानियां कम नहीं हो रही हैं। इस बीच कुछ नदियों के जलस्तर में थोड़ी कमी जरूर आई है, लेकिन बाढ़ की स्थिति जस की तस बनी हुई है। इस बीच, समस्तीपुर-दरभंगा रेल मार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। बिहार के आपदा प्रबंधन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि राज्य के 13 जिले- शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, पूर्वी चंपारण, मधुबनी, दरभंगा, सहरसा, सुपौल, किशनगंज, अररिया, पूर्णिया, कटिहार और पश्चिम चंपारण में बाढ़ का पानी प्रवेश कर चुका है। बाढ़ से अब तक 127 से ज्यादा लोगों की मौत हुई है, जबकि 85 लाख से ज्यादा लोग प्रभावित हुए हैं।
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समस्तीपुर-दरभंगा रेलमार्ग पर बाढ़ का पानी आ जाने से इस रेलखंड पर ट्रेनों का परिचालन रोक दिया गया है। दिल्ली, मुंबई या कोलकाता से लोगों का रेल के जरिये दरभंगा, मधुबनी, जयनगर, झंझारपुर या निर्मली पहुंचना मुश्किल हो गया है।
पूर्व मध्य रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी राजेश कुमार ने रविवार को बताया, "समस्तीपुर रेलमंडल के हायाघाट स्टेशन के पास पुल नंबर 16 पर बाढ़ का पानी आ गया। इस वजह से 10 ट्रेनों को रद्द कर दिया गया, जबकि 12 ट्रेनों के मार्ग में परिवर्तन किया गया है।"
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जल संसाधन विभाग के मुताबिक, कई प्रमुख नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन अभी भी कई स्थानों पर नदियां खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
विभाग के मुताबिक, बागमती ढेंग, डुबाधार, बेनीबाद सहित कई स्थानों पर खतरे के स्थान से ऊपर बह रही हैं जबकि बूढ़ी गंडक रोसड़ा रेल पुल के पास खतरे के निशान से ऊपर बह रही है। इसके अलावा कमला-बलान, अधवारा समूह की नदियां और महानंदा भी कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं।
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इस बीच, पश्चिम चंपारण में सिकरहना नदी का पानी कई गांवों में घुस गया है। दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सढ़वाड़ा में रिंग बांध ध्वस्त हो गया है, जिससे कई गांवों में पानी फैल गया है। सीतामढ़ी के कई इलाकों से पानी उतरने के बाद भी परेशानी कायम है।
सीतामढ़ी के कई गांवों और सीतामढ़ी शहर के कई मोहल्ले अब भी बाढ़ की चपेट में हैं। जिले का पूर्वी चंपारण, मधुबनी, शिवहर तथा नेपाल से भी सड़क संपर्क भंग रहा। राहत की बात यह है कि कुछ क्षेत्रों में नदियों के जलस्तर में कमी आई है, लेकिन बाढ़ प्रभावित इलाकों की कई सड़कें अभी भी पानी से लबालब भरी हैं और सभी खेत जलमग्न हैं।
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