बिहार और नेपाल के तराई क्षेत्रों में हो रही बारिश के कारण प्रदेश की कई नदियों के जलस्तर में खतरे के निशान से ऊपर है। नदियों के जलस्तर में वृद्धि से निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति बन गई है। पटना, वैशाली, मुजफ्फरपुर, भागलपुर, भोजपुर, मुंगेर, खगड़िया, पूर्णिया और कटिहार जिलों के कई निचले इलाकों में बाढ़ जैसी स्थिति देखी गई।
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बारिश और बाढ़ से भागलपुर में हालात खराब है। गंगा नदी में बाढ़ के कारण विश्वविद्यालय परिसर जलमग्न हो गया है, कर्मचारी नाव से विश्वविद्यालय पहुंच रहे हैं।
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एक कर्मचारी महेंद्र मंडल ने बताया, "पूरे विश्वविद्यालय में पानी भर गया है। कमरों में भी पानी भर गया है। बहुत कठिनाई से काम कर रहे हैं। डर-डर कर काम करना पड़ रहा है। सांप निकल रहे हैं। यहां हर साल ऐसा ही होता है। नाव पर बैठ कर जाना पड़ता है..."
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बता दें कि विश्वविद्यालय कैंपस जलमग्न है। यूनिवर्सिटी के मुख्य द्वार पर भी कई फुट तक पानी जमा हुआ है। कैंपस के अंदर जाने का अब एकमात्र सहारा नाव ही बना हुआ है। कुलपति के आवास में भी नाव से ही आना-जाना अभी हो रहा है। आवास के गेट पर पानी जमा है। पानी कुलपति आवास के गार्डन में घुस चुका है।
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बताया जा रहा है कि भागलपुर में गंगा अब विकराल रूप दिखा रही है। गंगा का जलस्तर सोमवार शाम 4 बजे तक खतरे के निशान के ऊपर ही बह रहा है। इसके चलते बाढ़ के हालात अब भी गंभीर ही हैं। भागलपुर में बाढ़ का पानी अब शहर में प्रवेश कर चुका है। कई मुहल्ले ऐसे हैं जो अब जलमग्न हो चुके हैं।
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