महाराष्ट्र के कई जिलों में लगातार हो रही बारिश से जनजीवन अस्त-व्यस्त है। बीड, धाराशिव और सोलापुर जिलों में बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। स्थिति को देखते हुए प्रशासन के अनुरोध पर एनडीआरएफ की टीमें मौके पर तैनात हैं। एनडीआरएफ की ओर से रातभर अथक परिश्रम करते हुए राहत एवं बचाव अभियान चलाया जा रहा है।
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बीड के मजलगांव तहसील के संडास चिंचोले क्षेत्र में बाढ़ का पानी घरों में घुस गया। कई लोग फंस गए थे। एनडीआरएफ की टीम ने रातभर ऑपरेशन चलाकर अब तक 26 लोगों को सुरक्षित बाहर निकाला। टीम के विशेष प्रयास से मंगलवार सुबह एक नवजात शिशु और एक महिला को सुरक्षित निकाला गया, जिसके बाद ग्रामीणों ने राहत की सांस ली।
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इसी तरह, धाराशिव जिले के कपिलापुरी गांव में भी भारी बारिश से हालात बिगड़ गए। बाढ़ का पानी घरों तक पहुंचने से ग्रामीण अंदर ही फंस गए थे। एनडीआरएफ ने कठिन परिस्थितियों में रातभर काम करते हुए 9 नागरिकों को सुरक्षित बाहर निकालने में सफलता पाई।
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सोलापुर जिले में भी हालात गंभीर रहे। एनडीआरएफ की टीम ने लगातार काम करते हुए रातभर रेस्क्यू अभियान चलाया और 59 लोगों को सुरक्षित बचाया। इनमें बुजुर्ग, महिलाएं और बच्चे भी शामिल हैं।
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स्थानीय प्रशासन और ग्रामीणों ने एनडीआरएफ की तत्परता और साहसिक कार्य की जमकर प्रशंसा की। ग्रामीणों का कहना है कि समय पर राहत पहुंचने से बड़ी जनहानि टल गई। प्रशासन ने भी जवानों के निस्वार्थ समर्पण और पेशेवराना कार्यशैली को सराहा।
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इससे पहले, भारतीय सेना भी लोगों की मदद के लिए आगे आई थी। घाटपिंपरी और उसके आसपास के कई गांवों में पानी बढ़ने से गांवों के बीच और बाहर जाने के सभी रास्ते बंद हो गए थे। ऐसे में बीड जिला कलेक्टर के अनुरोध पर सेना ने राहत और बचाव का काम शुरू किया था।
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बीते दिनों राहत-बचाव कार्य के लिए नासिक से एक एडवांस्ड लाइट हेलीकॉप्टर और दो चेतक हेलीकॉप्टर भेजे गए थे। मौसम की स्थिति अनुकूल रहने पर हेलीकॉप्टर से लोगों को सुरक्षित निकालने के उद्देश्य से यह हेलीकॉप्टर भेजे गए थे।
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