केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण आज आम बजट पेश करेंगी। बजट से आम लोगों के साथ कारोबारी लोगों को काफी उम्मीदे हैं। बजट पेश होने से पहले दिल्ली के सरिता विहार में रहने वाली एक स्कूल शिक्षिका संगीता सिंह ने कहा, "महंगाई दर थोड़ा कम होना चाहिए। यात्रा व्यय को कम करना चाहिए। बजट में महिलाओं के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन एक्स्ट्रा सोर्स ऑफ इनकम के लिए कुछ होना चाहिए।"
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मुंबई में लोगों को बजट से काफी उम्मीदें हैं। एक स्थानीय ने कहा, "महंगाई पर नियंत्रण होना चाहिए ताकि आम आदमी खा-पी सके। निचले तबके का और विकास होना चाहिए। टैक्स स्लैब में 10-15 लाख कमाने वालों को थोड़ी राहत मिले तो अच्छा रहेगा।"
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बजट से व्यापारियों को भी काफी उम्मीदें हैं। कुछ व्यापारियों में चिंता जताई है। व्यापारियों को ई-कॉमर्स से जुड़ी चिंता है। सीएआईटी के अध्यक्ष परेश पारेख ने कहा, "पूरे साल व्यापारियों के लिए हमारा काम जारी रहा। शनिवार को निर्मला सीतारमण यूनियन बजट पेश करने जा रही हैं। हमारी मुख्य मांगों में से एक है कि जीएसटी का पूरी तरह से सरलीकरण होना चाहिए। जीएसटी में ऐसे प्रावधान होने चाहिए, जिससे छोटे-छोटे व्यापारियों से लेकर एमएसएमई सेक्टर तक सब आसानी से टैक्स भर सकें, और किसी को कोई दिक्कत न हो। सरकार को ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स के लिए नई पॉलिसी बनानी चाहिए। लंबे समय से, सीएआईटी ने मंत्रियों से ई-कॉमर्स के लिए नई पॉलिसी बनाने का अनुरोध किया है, ताकि छोटे व्यापारियों को कोई परेशानी न हो। अगर सरकार इस बजट में ई-कॉमर्स और क्विक-कॉमर्स की एक नई पॉलिसी बनाती है, तो देश भर में व्यापारी अच्छी तरह से और बेहतर बिजनेस कर सकेंगे। मुख्यतः, सरकार को वन नेशन वन टैक्स का एक फॉर्मूला अपनाना चाहिए, जिससे व्यापार करना आसान हो जाए।"
बिजनेस मैनेजर आकाश शर्मा ने कहा, "जैसा कि आप सोच रहे हैं, यूनियन बजट में आम इंसान के टैक्स स्लैब को कम करना चाहिए। दूसरी बात, लोगों ने जो लॉन्ग टर्म कैपिटल गेन किया है, उस पर लगाया गया डायरेक्ट फ्लैट टैक्स हटा दिया जाना चाहिए। पहले जो सिस्टम था, वह अच्छा था और शॉर्ट टर्म कैपिटल गेन पर 30 प्रतिशत टैक्स भी नहीं होना चाहिए। युवा और वर्किंग क्लास के लिए, उम्मीद है कि 30 प्रतिशत से टैक्स को कम करके कम से कम 20 प्रतिशत तक लाया जाएगा। इसके अलावा, जो इनकम टैक्स स्लैब 10 लाख रुपये पर है, उसे 15 लाख रुपये तक बढ़ाया जाना चाहिए। इससे दोनों तरफ से फायदा होगा और जो पैसा बाजार में जाएगा, उससे देश की अर्थव्यवस्था आगे बढ़ेगी।"
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जीतू नाम के शख्स ने कहा, "हम बस आशा करते हैं कि व्यापारियों को थोड़ा फायदा हो। जिस तरह से सरकार ने हर तरफ से टैक्स लगा रखे हैं, उसमें कुछ कमी या राहत मिलनी चाहिए। सरकार ने जिस तरह ऑनलाइन व्यापार को बढ़ावा दिया है, उससे यहां की दुकानें हर दो-तीन महीने में बंद हो रही हैं और व्यापारी धीरे-धीरे बर्बाद हो रहे हैं। सरकार को इसके लिए कुछ सोचना चाहिए।"
छत्तीसगढ़ चेंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष अमर परवानी ने कहा, "मध्यवर्गीय परिवार और निम्न मध्यवर्गीय परिवारों के लिए इस बजट में सबसे बड़ा तोहफा होगा अगर हमारी केंद्रीय वित्त मंत्री 10 लाख रुपये तक की आय पर जीरो टैक्स कर दें। यह एक बड़ी मदद होगी। इसके साथ, अगर हाउसिंग लोन पर मिलने वाली छूट को 2 लाख से बढ़ाकर 4 लाख किया जाए और होम लोन पर डिडक्शन को 1.5 लाख से बढ़ाकर 3 लाख किया जाए, तो प्रधानमंत्री के हर भारतीय को घर देने के विजन को एक बड़ा बढ़ावा मिलेगा। यह कंस्ट्रक्शन कार्य को भी तेज करेगा जिससे लगभग 200 ट्रेड्स को फायदा होगा। छत्तीसगढ़ जैसे लैंडलॉक राज्य के आर्थिक विकास के लिए रेल और सड़क कनेक्टिविटी बहुत महत्वपूर्ण है। यहां खनन, कृषि, और फूड प्रोडक्ट्स की बहुत संभावना है और टूरिज्म भी बढ़ाया जा सकता है। सरगुजा और बस्तर में रेल कनेक्टिविटी कम है, जिसे सुधारने की जरूरत है। रायपुर से सीधी कनेक्टिविटी, जैसे सूरत या अन्य व्यापारिक क्षेत्रों के साथ जोड़ने की आवश्यकता है।"
उन्होंने आगे कहा, "सड़क नेटवर्क भी बेहतर होना चाहिए और इसमें केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी का योगदान प्रशंसनीय है। छत्तीसगढ़ में डबल इंजन की सरकार आने से राज्य को बहुत फायदा होगा। हम सबकी निगाहें इस बजट पर टिकी हुई हैं, जिसे हम एक विजन डॉक्यूमेंट के रूप में देखना चाहते हैं। 2047 तक विकसित भारत बनाने के लक्ष्य के लिए हर साल हमें आगे बढ़ना होगा। अगर वित्त मंत्री हमारे और व्यापार-उद्योग जगत के सुझावों को स्वीकार करती हैं, तो मुझे लगता है कि प्रधानमंत्री का 2047 तक विकसित भारत का सपना हकीकत बन सकता है।"
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कोलकाता में भारतीय रत्न एवं आभूषण निर्माण के अध्यक्ष और कलकत्ता रत्न एवं आभूषण कल्याण संघ के सचिव प्रमोद दुगर ने कहा, "आजआने वाले बजट में हमारी उम्मीद है कि सरकार सोने की मौजूदा कीमतों को ध्यान में रखते हुए व्यवसाय को सहयोग करेगी। सरकार को ड्यूटी में थोड़ी कमी करनी चाहिए और जीएसटी को भी कम करना चाहिए। इससे हमारा व्यवसाय और अधिक बढ़ सकता है। यह कदम व्यापार के लिए बहुत लाभदायक होगा। कुछ समय पहले वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक्साइज ड्यूटी में कुछ छूट दी थी, जिससे हमारा व्यवसाय एक नए स्तर पर पहुंचा और निर्यात में भी बहुत फायदा हुआ। लोकल व्यवसाय के बावजूद हमारी आय में सुधार की उम्मीद है। हम चाहते हैं कि सरकार इस बजट में जेम्स और ज्वेलरी सेक्टर की तरफ भी ध्यान दे।"
हिमाचल प्रदेश के मंडी की रहने वाली एक महिला बताती हैं, "हम सरकार से बहुत उम्मीदें रखते हैं कि हमारे रोजगार को बढ़ावा दिया जाए और हमारे सेल्फ हेल्प ग्रुप्स की तरफ भी ध्यान दिया जाए। हमें अभी तक कुछ खास मिला नहीं है, हालांकि, कभी-कभी छोटे-मोटे लोन मिल जाते हैं, लेकिन बैंक वाले भी लोन देने में कई तरह की परेशानियां खड़ी करते हैं। हमने लोन लिया है, लेकिन हमें यहां बैठने में भी काफी दिक्कतें आ रही हैं। हमें कहा जाता है कि हमने काफी कमाई कर ली है और अब हमें यहां से हट जाना चाहिए, लेकिन हमने जो 10 लाख रुपये का लोन लिया है, उसे चुकाने के लिए हमें कहां से पैसा मिलेगा?"
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शिवसेना नेता अरुण सावंत ने कहा, "मध्यम वर्ग इस बजट से टैक्स स्लैब में कुछ बदलाव की उम्मीद कर रहा है। इसी तरह, किसान भी केंद्र सरकार से नई घोषणाओं की प्रतीक्षा कर रहे हैं। भारत की जलवायु परिवर्तन को देखते हुए, बजट में इसका भी ध्यान रखा जाना चाहिए। गृहिणियां विशेष रूप से रसोई के बजट पर इस बजट के प्रभाव को देखना चाह रही हैं। विभिन्न वर्ग इस बजट पर ध्यान रख रहे हैं, और हमें पूरा विश्वास है कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण पिछले दस वर्षों में देश की प्रगति को ध्यान में रखते हुए आम आदमी को राहत देने के लिए कुछ करेंगी।"
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