भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) के पूर्व उपाध्यक्ष और आईपीएल के संस्थापक ललित मोदी ने वानुअतु की नागरिकता प्राप्त कर ली है। उनके कानूनी सलाहकार मेहबूब अबदी ने इस खबर की पुष्टि की है। अबदी ने बताया कि ललित मोदी ने भारतीय पासपोर्ट को निर्धारित प्रक्रिया के अनुसार सकारात्मक रूप से सरेंडर करने के सभी आवश्यक कदम उठाए हैं। उन्होंने स्पष्ट किया कि ललित मोदी के खिलाफ किसी भारतीय एजेंसी द्वारा किसी भी अदालत में कभी भी आरोप पत्र या शिकायत नहीं दायर की गई है और न ही किसी भारतीय अदालत में उनके खिलाफ कोई आरोप तय किए गए हैं।
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वानुआतु एक दक्षिणी प्रशांत द्वीप राष्ट्र है और अब ललित मोदी यहां के नागरिक बन गए हैं। भारत सरकार को अब ललित मोदी को वापस लाने में मुश्किलें और बढ़ेंगी। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, "ललित मोदी ने लंदन स्थित भारतीय उच्चायोग में अपना पासपोर्ट जमा करने के लिए आवेदन किया है। मौजूदा नियमों और प्रक्रियाओं के तहत इसकी जांच की जाएगी। हमें यह भी बताया गया है कि उन्होंने वानुअतु की नागरिकता हासिल कर ली है। हम कानून के तहत उनके खिलाफ मामले को आगे बढ़ा रहे हैं।"
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ललित मोदी की नागरिकता का यह कदम कई साल बाद सामने आया है। आईपीएल के संस्थापक और बीसीसीआई के उपाध्यक्ष के रूप में ललित मोदी के ऊपर कई तरह के आरोप लग चुके हैं। वित्तीय अनियमितताओं, मनी लॉन्ड्रिंग और भ्रष्टाचार के आरोपों के बीच साल 2010 में ललित मोदी भारत छोड़कर लंदन भाग गए थे। इससे पहले भगोड़े मेहुल चोकसी ने भी एंटीगुआ की नागरिकता हासिल करके कानून से बचने का रास्ता निकाला था। यानी, वानुआतु की नागरिकता हासिल करने के बाद भारत सरकार और ईडी के लिए ललित मोदी का प्रत्यर्पण एक बड़ी चुनौती होगी।
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ललित मोदी वह इंडियन प्रीमियर लीग (आईपीएल) के संस्थापक, पहले अध्यक्ष और लीग कमिश्नर थे, और उन्होंने 2010 तक तीन साल टूर्नामेंट का संचालन किया। उन्होंने 2008 से 2010 तक चैंपियंस लीग के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया और 2005 से 2010 तक बीसीसीआई के उपाध्यक्ष रहे। उन्होंने 2005 से 2009 तक और फिर 2014 से 2015 तक राजस्थान क्रिकेट एसोसिएशन के अध्यक्ष के रूप में भी काम किया है और 2004 से 2012 तक पंजाब क्रिकेट एसोसिएशन के उपाध्यक्ष के रूप में भी काम किया है।
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