हालात

पूर्व श्रम सचिव की राय, ‘प्रवासी मजदूरों का धैर्य टूटा, सरकार सीधे आर्थिक मदद दे’

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पूर्व सेक्रेटरी प्रभात चंद्र चतुर्वेदी ने कहा कि पहली बार शहरों को छोड़कर मजदूरों का रिवर्स पलायन गांवों की तरफ हुआ है। चूंकि संकट अभूतपूर्व है तो इसलिए केंद्र और राज्य सरकारों को अभूतपूर्व उपाय भी करने होंगे।

फोटोः IANS
फोटोः IANS 

भारत सरकार के श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पूर्व सेक्रेटरी प्रभात चंद्र चतुर्वेदी ने कहा है कि मौजूदा संकट की घड़ी में प्रवासी मजदूर धैर्य खो चुके हैं। इसीलिए वह पैदल ही बीवी-बच्चों के साथ सैंकड़ों किलोमीटर दूर घर जाने के लिए निकल चुके हैं। बेहतर यही है कि सरकार इन्हें रोकने की जगह रेल और बस सेवाओं के जरिए घर भेजने की व्यवस्था करे।

पूर्व श्रम सचिव ने कहा कि केंद्र सरकार को वो सारे इंतजाम करने होंगे, जिससे कि मजदूरों का सरकार में भरोसा बरकरार रहे। अगर केंद्र और राज्य सरकारों से मजदूरों का भरोसा खत्म हुआ तो फिर आगे दिक्कतें बढ़ेंगी। चतुवेर्दी ने कहा कि पहली बार शहरों को छोड़कर मजदूरों का रिवर्स पलायन गांवों की तरफ हुआ है। चूंकि संकट अभूतपूर्व है तो इसके लिए अभूतपूर्व उपाय भी केंद्र और राज्य सरकारों को करने होंगे।

Published: undefined

1975 बैच के यूपी कैडर के आईएएस और भारत सरकार में अहम पदों पर काम कर चुके प्रभात चंद्र चतुवेर्दी ने गुरुवार को वर्तमान मजदूर संकट में केंद्र और राज्य सरकारों को कई सुझाव दिए। उन्होंने कहा कि इस वक्त सरकारों को चाहिए कि वह मजदूरों के जेब में सीधे पैसा पहुंचाने की व्यवस्था करें। अभी तक जो भी पैकेज दिए गए हैं, उनमें सीधी आर्थिक मदद की कोई व्यवस्था नहीं है।

प्रभात चंद्र चतुवेर्दी ने कहा कि इस वक्त मजदूरों का काम-धंधा बंद हो चुका है। उनके पास जमा-पूंजी सब खत्म हो चुकी है। जिससे वह घरों की ओर लौटने के लिए मजबूर हुए हैं। ऐसे में तात्कालिक तौर पर उनके हाथ में पैसा जाने पर उन्हें कुछ संतोष मिलेगा। इससे सरकार के प्रति उनका भरोसा भी बढ़ेगा।

Published: undefined

श्रम एवं रोजगार मंत्रालय के पूर्व सचिव ने कहा, "सरकार जिन कल-कारखानों को चलाने की बात कर रही है, अगर मजदूर ही नहीं रहेंगे तो फिर आर्थिक गतिविधियों का संचालन कैसे होगा। ऐसे में सरकार की कोशिश मजदूरों के भरोसे को बरकरार रखने की होनी चाहिए। ऐसे में हर वो उपाय करना होगा, जिससे कि सरकार के प्रति मजदूरों का भरोसा बरकरार हो। अगर जल्द उपाय नहीं हुए तो बचे मजदूर भी घरों को रवाना होने के लिए मजबूर होंगे।"

Published: undefined

उत्तर प्रदेश और केंद्र सरकार में कई विभागों और मंत्रालयों में काम करने का अनुभव रखने वाले प्रभात चंद्र चतुवेर्दी ने कहा कि इस वक्त केंद्र सरकार को मनरेगा का बजट बढ़ाना चाहिए। ताकि गांवों में जाने वाले मजदूरों को रोजगार मिल सके। जहां तक गांवों के ढांचे को मजबूत बनाने की बात है तो इसके लिए दीर्घकालीन योजना पर काम करना होगा। अभी सरकार का फोकस प्रवासी मजदूरों की तात्कालिक मदद करने पर होना चाहिए।

Published: undefined

Google न्यूज़नवजीवन फेसबुक पेज और नवजीवन ट्विटर हैंडल पर जुड़ें

प्रिय पाठकों हमारे टेलीग्राम (Telegram) चैनल से जुड़िए और पल-पल की ताज़ा खबरें पाइए, यहां क्लिक करें @navjivanindia

Published: undefined