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गोरखपुरः बाढ़ पीड़ितों के बीच पहुंचे BJP सांसद को लोगों ने खदेड़ा, पूछा- अब पानी कम होने पर क्या करने आए हैं?

राजधानी गांव के लोगों के मुताबिक बाढ़ के दौरान सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में यह पहला दौरा था। ग्रामीणों के अनुसार पिछले 7 साल से सांसद कमलेश इससे पहले आखिरी बार क्षेत्र में कब देखे गए थे, उन्हें याद नहीं है। बाढ़ के कहर के बावजूद कोई मदद को नहीं आया।

फाइल फोटोः सोशल मीडिया
फाइल फोटोः सोशल मीडिया 

इन दिनों उत्तर प्रदेश के गोरखपुर के बांसगांव में बाढ़ राहत सामग्री बांटते दिख रहे बीजेपी सांसद कमलेश पासवान को चौरी-चौरा क्षेत्र के राजधानी गांव के लोगों ने सोमवार को जमकर खरी-खोटी सुनाई। ग्रामीणों ने कहा कि इतने दिनों से हम लोग दुश्वारियों से जूझ रहे हैं। एक नाव तक नहीं है। अब जब पानी कम हो रहा है तो क्या करने आए हैं? ग्रामीणों को पहले तो सांसद ने समझाने की कोशिश की, लेकिन स्थिति बिगड़ता देख वहां से हटना ही मुनासिब समझा। ग्रामीणों के विरोध के बीच घिरे कमलेश का वीडियो तेजी से वायरल हो रहा है।

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दरअसल गोरखपुर जिले में बाढ़ की त्रासदी झेल रहे लोगों का गुस्सा सोमवार को फूट पड़ा। बांसगांव के बीजेपी सांसद कमलेश पासवान सोमवार को संसदीय क्षेत्र के चौरीचौरा इलाके के राजधानी गांव में बाढ़ पीड़ित जनता का हाल जानने पहुंचे थे। यहां सिलहटा बांध टूटने से दर्जन भर गांवों के 30 हजार लोग बाढ़ से घिरे हैं। किसी ने घर की छत पर तो किसी ने अन्य जगहों पर शरण ले रखा है। जनता को जहां भोजन-पानी की किल्लत हो रही, वहीं, मवेशियों को चारा और बच्चों को दूध तक नसीब नहीं हो रहा।

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ऐसे में जब आज सांसद लोगों के बीच पहुंचे तो ग्रामीणों ने गुस्से का इजहार किया। उनका कहना था कि अब जब बाढ़ कम होने लगी तो सांसद क्या करने आए हैं। राजधानी गांव के ग्रामीणों के मुताबिक बाढ़ के दौरान सांसद कमलेश पासवान का क्षेत्र में यह पहला दौरा था। ग्रामीणों का कहना है कि पिछले 7 साल से सांसद कमलेश इससे पहले आखिरी बार क्षेत्र में कब देखे गए थे, उन्हें याद नहीं है। कोरोना के बाद अब बाढ़ के कहर के बावजूद कोई हमारी मदद को आगे नहीं आया।

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बीजेपी सांसद के खिलाफ ग्रामीणों का विरोध बताता है कि प्रशासन की तरफ से पर्याप्त मात्रा में राशन और राहत सामग्री का वितरण नहीं हो रहा है और न ही उन्हें कोई मदद मिल रही। यही वजह है कि सांसद कमलेश पासवान को बाढ़ग्रस्त क्षेत्र में बांध पर शरण लेने वाले ग्रामीणों के विरोध का सामना करना पड़ गया। वहीं, ग्रामीणों द्वारा विरोध का यह वीडियो कई ग्रुपों में तेजी से वायरल किया जा रहा है। ये भी कहा जा रहा है कि कमलेश जहां गए थे, वहां अधिकांश लोग बीजेपी के ही समर्थक हैं।

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