गुजरात यूनिवर्सिटी में स्टडी अब्रॉड प्रोग्राम (एसएपी) के तहत पढ़ने आए करीब 300 विदेशी छात्रों को जबरन अहमदाबाद के मुस्लिम बहुल इलाके में शिफ्ट करने का मामला सामने आया है। 300 विदेशी छात्रों में से 35 अफगानिस्तान से हैं। सितंबर में इन्हें उनकी मर्जी के खिलाफ अहमदाबाद के लाल दरवाजा इलाके में शिफ्ट कर दिया गया था। यह जगह कैंपस से 10 किमी दूर है। ऐसा करने की वजह इन छात्रों की 'खाने-पीने की आदत और संस्कृति' बताई गई थी।
इस मामले का खुलासा तब हुआ जब हाल में यूनिवर्सिटी प्रशासन ने इन छात्रों से एक हलफनामे पर साइन कराया, जिसमें कहा गया है कि छात्र यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के बिना मीडिया या पुलिस से नहीं मिल सकते। दरअसल यूनिवर्सिटी में पढ़ने वाले दक्षिण एशियाई देशों के कई छात्रों ने गंदी जगहों पर शिफ्ट करने की शिकायत की थी, जिसके बाद यूनिवर्सिटी प्रशासन का ये फरमान आया।
इन छात्रों को चेतावनी दी गई थी कि अगर यूनिवर्सिटी प्रशासन की इजाजत के बिना ये पुलिस या मीडिया में जाते हैं तो इसे कोड ऑफ कंडक्ट का उल्लंघन माना जाएगा और उन्हें यूनिवर्सिटी से निष्कासित करने के साथ ही देश से डिपोर्ट करने की सजा दी जा सकती है।
द इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक ऐसे विदेशी छात्रों की संख्या करीब 300 है, जिसमें से 35 अफगानिस्तान से हैं। खबर के अनुसार बीते साल सितंबर में उन्हें अहमदाबाद स्थित कैंपस से 10 किमी दूर उनकी मर्जी के खिलाफ एक मुस्लिम बहुल इलाके लाल दरवाजा में शिफ्ट कर दिया गया था।
द इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एसएपी कॉर्डिनेटर नीरज गु्प्ता ने माना है कि विदेशी छात्रों के खाने-पीने की आदतों, समुदाय और संस्कृति को देखते हुए उन्हें वहां रखा गया है। गुप्ता ने कहा कि छात्रों को पश्चिमी इलाके में हॉस्टल देने की कोशिश की गई लेकिन उनके खिलाफ शिकायत मिलने के बाद उनकी हॉस्टल की सुविधा बंद कर दी गई। हलफनामा साइन करवाने की बात मानते हुए उन्होंने कहा कि विदेशी छात्रों को निर्देश दिया जाना जरूरी था।
बता दें कि ये विदेशी छात्र मूलरूप से सार्क और अफ्रीकी देशों से ताल्लुक रखते हैं। वे इंडियन काउंसिल ऑफ कल्चरल रिलेशंस और एजुकेशनल कंसलटेंट्स इंडिया लिमिटेड के स्टडी अब्रॉड प्रोग्राम के हिस्सा हैं। इस प्रोगर्मा के तहत करीब 300 छात्र गुजरात यूनिवर्सिटी के विभिन्न विभागों और अहमदाबाद और आसपास स्थित 9 संबद्ध कॉलेजों में पढ़ते हैं।
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