आरजेडी के विधान पार्षद सुनील सिंह ने गुरुवार को बिहार की कानून व्यवस्था को लेकर सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि जिस तरह से हत्या की घटनाओं में बढ़ोतरी हो रही है, बिहार की विधि व्यवस्था की स्थिति चरमरा गई है, यह सोचने का विषय है। बिहार में शासन नाम की कोई चीज नहीं है, आज मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की जो स्थिति है, उनमें सोचने-समझने की भी क्षमता खत्म हो चुकी है।
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बिहार विधान परिषद में पक्ष और विपक्ष के बीच हुई नोकझोंक के विषय में उनसे पूछा गया तो उन्होंने कहा कि इन्हीं सब मुद्दों को लेकर हम लोगों और हमारे मुख्य सचेतक ने प्रस्ताव दिया। सारे सत्ता पक्ष के लोगों को सच्चाई पसंद नहीं है। इसी पर लोग बहस करना शुरू कर देते हैं।
उन्होंने कहा, "मुख्यमंत्री को आप लोग जानते हैं कि जिस तरह उनकी मानसिक स्थिति है, वह घूम-फिर के 2005 पर आ जाते हैं। 2005 के पहले उनकी गाड़ी स्टार्ट नहीं होती है। जहां महिला शब्द की बात आती है, तो कुछ-कुछ कहने लगते हैं। ऐसी भाषा मुख्यमंत्री की नहीं हो सकती है।"
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एमएलसी सुनील सिंह ने आगे कहा कि बिहार में बिजली विभाग में बड़ा घोटाला हुआ है। प्रदेश में महंगी बिजली मिल रही है। शराबबंदी का भी वही हाल हो गया है कि मिलता सब जगह है, लेकिन दिखता कहीं नहीं है।
उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार की शराबबंदी के नाम पर स्थिति यह हो गई है कि युवा वर्ग ड्रग एडिक्ट हो गए हैं। आज समानांतर अर्थव्यवस्था खड़ी हो गई है। सत्तारूढ़ पार्टी के लोग मिले हुए हैं। अधिकांश थाना प्रभारी इसी काम में लगे हुए हैं। यह सुनना सरकार को अच्छा नहीं लगता, यही कारण है कि वह इसे सुनना नहीं चाहती।
आईएएनएस के इनपुट के साथ
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