मोदी सरकार के विवादित कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों की नाराजगी के बीच अकाली दल के बाद एनडीए की एक और सहयोगी राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी (आरएलपी) ने आज एनडीए के साथ गठबंधन तोड़ने का ऐलान कर दिया। आरएलपी के संयोजक और राजस्थान के नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने हजारों किसानों की उपस्थिति में अलवर जिले में शाहजहांपुर-खेड़ा सीमा पर एनडीए से अलग होने की घोषणा की।
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किसानों को संबोधित करते हुए हनुमान बेनीवाल ने कहा, "बीजेपी के साथ आरएलपी का गठबंधन शनिवार को समाप्त हो गया है।" बेनीवाल ने कहा, "मैं एनडीए के साथ फेवीकोल से नहीं जुड़ा हूं। मैंने एनडीए से खुद को अलग कर लिया है। मैंने तीन कृषि कानूनों के विरोध में गठबंधन छोड़ दिया है, जोकि किसान विरोधी है। बेनीवाल ने साथ ही कहा कि अगर केंद्र कृषि कानूनों को वापस नहीं लेगा, तो वह लोकसभा से भी इस्तीफा दे देंगे।
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इससे पहले 19 दिसंबर को बेनीवाल ने किसानों के आंदोलन के समर्थन में संसद की तीन समितियों से इस्तीफा दे दिया था। इसके साथ ही उन्होंने ऐलान किया था कि 26 दिसंबर को राजस्थान से उनके नेतृत्व में 2 लाख किसान दिल्ली मार्च करेंगे। शनिवार को बेनीवाल जयपुर के समीप कोटपुतली के पास हजारों की संख्या में किसानों के साथ 'दिल्ली चलो' मार्च के लिए इकट्ठा हुए थे।
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गौरतलब है कि आरएलपी का एनडीए गठबंधन से अलग होने का निर्णय कृषि कानून पारित होने के बाद बीते तीन महीने में एनडीए गठबंधन के लिए दूसरा झटका है। इससे पहले 26 सितंबर को, शिरोमणी अकाली दल ने तीनों कृषि कानूनों पर मतभेद के बाद एनडीए का साथ छोड़ दिया था।
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