हिमाचल प्रदेश में भारी बारिश से कई जगहों पर तबाही हुई है। भारी बारिश के बीच शिमला में भूस्खलन की दो अलग-अलग घटनाओं में तीन लोगों की मौत हो गई। बारिश कहर सबसे ज्यादा शिमला में देखने को मिल रहा है। शिमला-कालका रेलवे मार्ग पर भूस्खलन के बाद छह ट्रेनें रद्द कर दी गई हैं और राज्य में 793 सड़कें बंद हैं।
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स्थानीय मौसम विभाग ने सोमवार को ‘रेड अलर्ट’ जारी किया, जिसमें मंगलवार तक चार से छह जिलों के अलग-अलग इलाकों में अत्यधिक भारी बारिश की चेतावनी दी गई।
रेलवे के अनुसार, कालका से शिमला जाने वाली ट्रेन संख्या 52451, 52453 और 52459, और शिमला से कालका जाने वाली ट्रेन संख्या 52452, 52454 और 52460 रद्द कर दी गई हैं। एक अधिकारी ने बताया कि जब तक रेलवे लाइन साफ नहीं हो जाती और इसे परिचालन के लिए सुरक्षित घोषित नहीं कर दिया जाता, तब तक ट्रेनों का परिचालन फिर से शुरू नहीं होगा।
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सोमवार सुबह मानसर के पास एक पर्वतीय क्षेत्र से भूस्खलन होने के बाद चंडीगढ़-मनाली राष्ट्रीय राजमार्ग अवरुद्ध हो गया। आपातकालीन परिचालन केंद्र (एसईओसी) के अनुसार एनएच तीन (मंडी-धर्मपुर मार्ग), एनएच 305 (औट-सैंज), एनएच पांच (पुराना हिंदुस्तान-तिब्बत मार्ग), एनएच 707 (हाटकोटी से पांवटा मार्ग) और एनएच 907 (पांवटा से यमुना नदी, राज्य के 10 जिलों) सहित कुल 793 सड़कें अवरुद्ध हैं। मंडी में कम से कम 266 सड़कें और कुल्लू जिले में 177 सड़कें बंद हैं।
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राज्य में 20 जून को मानसून की शुरुआत के बाद से हिमाचल प्रदेश में अचानक बाढ़ आने के 91 मामले, बादल फटने की 45 घटनाएं और बड़े भूस्खलन की 95 घटनाएं हुई हैं।
एसईओसी के आंकड़ों के अनुसार, बारिश से संबंधित घटनाओं और सड़क दुर्घटनाओं में कुल 320 लोगों की मौत हो चुकी है, जबकि 4,098 मकान पूरी तरह या आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हुए हैं। इस मानसून में राज्य को 3,056 करोड़ रुपये का नुकसान हुआ है।
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