देश में बढ़ते कट्टरपंथ के संबंध में पुलिस अधिकारियों द्वारा तैयार किए गये एक पेपर में इस्लामी और हिंदुत्ववादी संगठनों की भूमिका पर चिंता जाहिर की गई थी। इंडियन एक्सप्रेस के मुताबिक, प्रस्तुत किए गए सभी कागजात (पेपर) की वेबसाइट पर पोस्ट अपलोड भी हुए थे, लेकिन अब बुधवार से वेबसाइट पर दिख नहीं रहे है। जाहिर है ये हटा दिए गए होंगे।
चलिए पूरा मामला बताते हैं कि पीएम मोदी की अध्यक्षता में हाल ही पुलिस महानिदेशकों की सुरक्षा बैठक हुई थी। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह भी शामिल हुए थे। इस सम्मेलन के दौरान पुलिस अधिकारियों ने देश में फैल रही कट्टरता पर चिंता जताई।
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सम्मेलन में अधिकारियों द्वारा सौंपे गए पत्रों में ऐसे संगठनों की भूमिका के बारे में बताया गया। एक पत्र ने वीएसपी और बजरंग दल जैसे संगठनों को कट्टरपंथी बताया गया। एक पत्र में बाबरी मस्जिद विध्वंस, हिंदू राष्ट्रवाद के विकास, बीफ लिंचिंग के मामलों और ‘घर वापसी आंदोलन’ को युवाओं के कट्टरपंथीकरण के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है।
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अधिकारी ने बढ़ते इस्लामी कट्टरपंथ को पर चिंता जताई। इस्लामी कट्टरपंथ वह दृष्टिकोण है जो मुख्य रूप से दुनिया को मुस्लिम' और बाकी के तौर विभाजित करता है। इसमें पीएफआई और उसके सहयोगी सगंठन, दावत-इस्लामी- तौहीद, केरल नदवाथुल मुजाहिदीन जैसे संगठन प्रमुख हैं। इन बढ़ती चुनौतियों के बीच, अधिकारी ने "सुरक्षा प्रतिष्ठानों के अनुचित प्रयोग को भी रेखांकित किया।
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एक पत्र में कहा गया है कि नूपुर शर्मा के बयान को उदाहरण देते हुए कहा कि धार्मिक टिप्पणियों और नफरत फैलाने वाले बयानों से बचना चाहिए। उदयपुर में हुए कन्हैया लाल के हत्याकांड में आरोपियों को कट्टरपंथी बनाने में देश-विदेश से आ रहे भड़काऊ वीडियो और मैसेज की बड़ी भूमिका रही।
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